रामनवमी पर दुनिया भर के हिंदुओं को जोड़ेगी विहिप
30 देशों में एक लाख जगहों पर मनाया जाएगा रामोत्सव

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने अमर उजाला को बताया कि रामनवमी पर रामोत्सव कार्यक्रम का आयोजन संगठन की वार्षिक गतिविधि में शामिल है, लेकिन इस वर्ष अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के कारण इसे और भव्य बनाने का निर्णय लिया गया है।
इस वर्ष रामनवमी पर पूरे विश्व में भव्य रामोत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) रामोत्सव कार्यक्रम के जरिए पूरे विश्व में हिंदू समुदाय को एक सूत्र में जोड़ने की कोशिश करेगी। दुनिया में जहां भी हिंदू समुदाय के लोग रहते हैं, वहां मंदिरों में रामनवमी के दिन भव्य रामोत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अब तक भारत समेत दुनिया के 30 देशों के लगभग एक लाख मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थानों पर रामोत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जाने की योजना बनाई जा चुकी है। इन कार्यक्रमों में हिंदू समुदाय के करोड़ों लोगों के शामिल होने की संभावना है।
रामोत्सव कार्यक्रमों की शुरुआत नववर्ष प्रतिपदा यानी नौ अप्रैल 2024 के दिन से शुरू होगी और अगले 15 दिनों तक चलती रहेगी। 24 अप्रैल हनुमान जयंती के दिन इन कार्यक्रमों का समापन होगा। इस दौरान सभी मंदिरों में पूजा-पाठ, राम की आरती, सुंदरकांड का पाठ, रामधुन कीर्तन और अन्य कार्यक्रम किए जाएंगे। भगवान राम की जन्मस्थली और राम मंदिर होने के कारण अयोध्या के रामोत्सव कार्यक्रम को सबसे प्रमुख कहा जा सकता है। भक्तों की सुविधा के लिए अयोध्या के रामोत्सव कार्यक्रम को सजीव दिखाने की भी कोशिश की जाएगी।
विहिप नेता ने बताया
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने अमर उजाला को बताया कि रामनवमी पर रामोत्सव कार्यक्रम का आयोजन संगठन की वार्षिक गतिविधि में शामिल है, लेकिन इस वर्ष अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के कारण इसे और भव्य बनाने का निर्णय लिया गया है। अकेले भारत में ही 70 हजार से अधिक स्थानों पर रामोत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। चूंकि, भगवान राम सबके आराध्य हैं, इस कार्यक्रम के जरिए देश के हर धर्म-संप्रदाय और वर्गों को जोड़ने की कोशिश की जाएगी। रामनवमी को हर वर्ग के पूजास्थलों में राम जन्मोत्सव मनाए जाने की योजना है। इनके जरिए समाज के हर वर्ग को एक सूत्र में पिरोने की कोशिश की जाएगी।
विनोद बंसल ने कहा कि इनके माध्यम से हम देश के मतदाताओं से भी अपील करेंगे कि वे आगामी चुनावों में ऐसे राजनीतिक दल को वोट दें, जो राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सनातन धर्म के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करें। विहिप की केंद्रीय प्रबंध समिति और प्रन्यासी मंडल की अयोध्या में हुई बैठक (25-27 फरवरी) में इससे संबंधित प्रस्ताव पारित किए गए थे।