रिंग रोड जमीन अधिग्रहित में कम सर्किल रेट का ग्रामीड़ों ने किया विरोध

उन्नाव: फत्तेपुर ग्रामीणों की भूमि कानपुर आउटर रिंगरोड में जा रही है। जिसका मुआवजा सर्किल रेट से चार गुना कम दिया जा रहा है। जो कि हमलोगों के साथ अन्याय है। हम सभी को चार गुना मुआवजा दिया जाए। इसकी मांग विरोध दर्ज कराते हुए दायरे में आए ग्रामीणों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम को ज्ञापन देकर की।

ग्राम फत्तेपुर सदर तहसील के परगना हड़हा क्षेत्र का है। जहां के ग्रामीणों ने डीएम को दिए गए ज्ञापन में बताया कि प्रस्तावित कानपुर आउटर रिंगरोड के लिए उनके गांव की भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के तहत अधिग्रहित की जा रही है। गांव पूर्ण रूप से आवासीय है वहां कृषि कार्य नहीं होता है।

ग्रामीण शैलेंद्र कुमार, विमल कुमार, कार्तिकेय शुक्ला, राजकुमारी, देशराज, मिथलेश, सुषमा, शांति, मनीष जायसवाल, कल्लो, लक्ष्मी दीक्षित, गंगाराम, राम औतार, पुष्पेंद्र कुमार द्विवेदी, कुलदीप कुमार आदि ने कहा कि गांव के प्राथमिक विद्यालय में संबंधित विभाग द्वारा लगाए गए कैंप में अमीन व लेखपाल ने मुआवजे की धनराशि 62 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित किए जाने की जानकारी दी थी।

कृषि भूमि के हिसाब से मिल रहा मुआवजा
बताया कि सरकार द्वारा प्रदान की जा रही मुआवजा राशि कृषि भूमि के हिसाब से है। जबकि, जिस भूमि का अधिग्रहण हो रहा है वह आवासीय है। रजिस्ट्रार कार्यालय के सर्किल रेट के हिसाब से जमीन का मूल्य 4200 प्रति वर्ग मीटर है। इसके चार गुना के हिसाब से भुगतान होना चाहिए। जबकि जो भुगतान राशि तय की गई है वह मात्र 620 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से है। इतने कम मुआवजे में भूमि स्वामी अपनी जमीनें सरकार को देने को तैयार नहीं है।

ग्रामीणों ने डीएम से मांग की है कि बैनामें में अंकित सर्किल रेट के चार गुना के आधार पर ही मुआवजा राशि उन्हें दिलाई जाए। डीएम में मामले की जांच करा कर उचित कार्रवाई का आश्वासन ग्रामीणों को दिया है। ज्ञापन देने वालों में सरफराज आलम, अशरफ जहां, राजेंद्र कुमार, गणेश कुमार, प्रमोद कुमार सिंह, जय प्रकाश मिश्रा, शबाना, किशनलाल, पूजा, जया त्रिवेदी, आसफा एजाज आदि शामिल रहे।

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