भारत के समर्थन में खुलकर आया रूस, निज्जर के मामले पर अमेरिका को फटकार

मास्को: अमेरिका ने भारत पर खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या का आरोप लगाया था। इसे लेकर अब रूस अमेरिका पर भड़क गया है। रूस ने कहा कि बिना सबूत ऐसे आरोप भारत का अपमान है। इसके अलावा रूस ने कहा कि चुनाव के बीच अमेरिका भारत को अस्थिर करने में लगा है।

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की प्लानिंग का आरोप अमेरिका भारत पर लगाता है। इस मामले में अब भारत के समर्थन में रूस आ गया है। रूस ने इस मुद्दे पर अमेरिका को लताड़ लगाई है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा का कहना है कि पन्नू से जुड़ी साजिश में भारत की संलिप्तता के आरोप अमेरिका की ओर से एक देश के रूप में भारत का अपमान है।

इससे पहले सोमवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा था कि भारत को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। इसके साथ ही कहा था कि अमेरिका भारत की ओर से जांच के नतीजों का इंतजार कर रहा है।

अमेरिका का आरोप है कि खालिस्तानी आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश भारत के एक अधिकारी ने रची थी। इसे लेकर निखिल गुप्ता नाम के भारतीय नागरिक को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। जाखारोवा से जब इसे लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘अभी तक हमें जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक अमेरिका ने अभी तक भारतीय नागरिकों की कथित संलिप्तता का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है। पन्नू की हत्या की तैयारी में किसी भी सबूत के अभाव में अटकलें बिल्कुल भी अस्वीकार्य हैं।’

‘भारत को अस्थिर करने की कोशिश’
रूसी विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, ‘भारत के खिलाफ लगातार झूठे आरोप, इतना ही नहीं कई अन्य देशों पर भी अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन का निराधार आरोप लगाया है। यह दिखाता है कि अमेरिका को भारतीय इतिहास के बारे में गलतफहमी है। यह एक देश के रूप में भारत का अनादर है।’ उन्होंने आगे कहा कि आम चुनाव के बीच इस तरह के आरोपों से अमेरिका भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका ने एक संप्रभु देश के रूप में भारत के प्रति कम सम्मान दिखाया है।

अमेरिका को लगा झटका
पन्नू की हत्या की कथित साजिश में चेक गणराज्य में निखिल गुप्ता नाम के भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया गया है। अमेरिका निखिल के प्रत्यर्पण के लिए लगा है। लेकिन अब अमेरिका को चेक रिपब्लिक की अदालत से झटका मिला है। चेक रिपब्लिक की सुप्रीम कोर्ट ने निखिल गुप्ता के प्रत्यर्पण के फैसले पर रोक लगा दी है। चेक न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता मार्केटा एंड्रोवा ने एक स्थानीय अखबार से बात करते हुए बताया कि यह निर्णय न्याय मंत्री को निखिल गुप्ता को प्रत्यर्पित करने से जुड़े फैसले लेने से रोकता है।

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