चीन के दुश्मनों ने मिलाया जापान से हाथ

जापान और फिलीपींस ने किया चीन के खिलाफ बड़ा रक्षा समझौता

टोक्यो: चीन के दुश्मनों में शुमार जापान और फिलीपींस ने पारस्परिक पहुंच समझौते (RAA) की पुष्टि कर दी है। फिलीपींस ने साल भर पहले ही इस समझौते के बारे में बताया था, हालांकि, जापान ने इसकी पुष्टि में लंबा समय लिया है। माना जा रहा है कि इस देरी की वजह से फिलीपींस ने साबित कर दिया है कि वह जापान के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक और रक्षा भागीदार देश है। जापानी संसद से इस समझौते की पुष्टि प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा की हाल ही में फिलीपींस की यात्रा के बाद किया है।

जापान-फिलिपींस के रक्षा संबंधों में आएगी तेजी
पारस्परिक पहुंच समझौते के बाद जापान और फिलीपींस रक्षा संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। दोनों देश चीन के साथ आपसी भू-राजनीतिक तनावों के बीच लाइव-फायर अभ्यास सहित संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए एक-दूसरे की धरती पर सैनिकों की तैनाती भी कर सकते हैं। इसे चीन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जो दोनों देशों के साथ गंभीर सीमा विवाद में उलझा हुआ है। चीन इन दोनों देशों के कब्जे वाले द्वीपों पर दावा करता है और सैन्य तनाव बढ़ाता रहता है।

फिलीपींस ने साल भर पहले दी थी मंजूरी
फिलीपीन सीनेट ने इस प्रस्ताव को जापान से साल भर पहले ही मंजूरी दे दी थी। जुलाई 2024 में मनीला में एक समारोह में फिलीपींस के रक्षा सचिव गिल्बर्टो टेओडोरो और जापानी विदेश मंत्री योको कामिकावा ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें फिलीपीनी राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर भी शामिल हुए।

फिलीपीन की राजदूत ने क्या बताया
जापान में फिलीपींस की राजदूत माइलिन गार्सिया-अल्बानो ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “हम आज हाउस ऑफ काउंसिलर्स द्वारा फिलीपींस और जापान के बीच पारस्परिक पहुंच समझौते को मंजूरी दिए जाने का स्वागत करते हैं, जो जापानी डाइट में अनुमोदन प्रक्रिया को पूरा करता है।” आरएए से संयुक्त प्रशिक्षण और आपदा राहत मिशनों के लिए तैनाती प्रक्रियाओं को सरल बनाकर दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग में सुधार होने की उम्मीद है।

जापान ने पहली बार किसी एशियाई देश से किया समझौता
यह अपनी तरह का पहला समझौता है जिसे जापान ने ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ इसी तरह के समझौतों के बाद एशिया में हस्ताक्षरित किया है। इस समझौते के तहत द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार जापानी सेनाएं फिलीपींस की धरती पर वापस आएंगी, जब उन्होंने दक्षिण-पूर्व एशियाई देश पर कब्जा कर लिया था। जापान और फिलीपींस संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे करीबी एशियाई सहयोगी हैं, और दोनों ने पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते आक्रामक व्यवहार के खिलाफ रुख अपनाया है।

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