राष्ट्रपति बाइडेन के करीबी ने भारत में लोकतंत्र संबंधी चिंताओं को किया खारिज

वाशिंगटन: भारत में अमेरिकी राजनयिक एरिक गार्सेटी ने कुछ तबकों की ओर से भारत में लोकतंत्र के बारे में व्यक्त की गई चिंताओं को खारिज कर दिया है। उन्होंने इस बात को लेकर ‘‘सौ फीसद’’ विश्वास जताया है कि वाशिंगटन, नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों पर भरोसा कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध 21वीं सदी के निर्णायक संबंधों में से एक होगा।

शीर्ष अमेरिकी थिंक-टैंक ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स’ (सीएफआर) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में गार्सेटी ने कहा ‘‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के मामले में भारत अगले दस वर्षों में एक जीवंत लोकतंत्र बनने जा रहा है, जोकि वह आज भी है।’’

भारत में लोकतंत्र की स्थिति के बारे में जतायी जा रही चिंताओं को लेकर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘कुछ चीजें खराब हैं और कुछ बेहतर हैं।

उनका कानून है कि आपको वोट देने के लिए दो किलोमीटर से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ेगा। दूर दराज पहाड़ों में रहने वाला एक व्यक्ति जो वोट देने नहीं आ सकता, उसके वोट के लिए वोटिंग मशीन को उसके पास ले जाया जाता है चाहे उसके लिए दो दिन पैदल ही क्यों ना चलना पड़े।’’

‘भारतीयों की कई चीजों से प्रभावित हूं’
एरिक गार्सेटी ने कहा कि भारत में चुनाव के दौरान वाहनों की जांच कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई अधिक मात्रा में नकदी तो नहीं ले जा रहा है। गार्सेटी ने कहा कि वह भारतीयों की कई चीजों से काफी प्रभावित हैं जिसमें वो अमेरिकियों से भी बेहतर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पूरे दिल से मैं शत प्रतिशत इस बात को मानता हूं कि ना सिर्फ आने वाले समय में, बल्कि अभी भी भारत दुनिया में सबसे जीवंत लोकतंत्र में से एक है।’’

‘अमेरिका और भारत एक साथ हैं’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के करीबी माने जाने वाले गार्सेटी ने कहा, ‘‘मैं शत प्रतिशत मानता हूं कि हम भारत के साथ संबंधों पर भरोसा कर सकते हैं। दोनों देशों का संबंध 21वीं सदी के निर्णायक संबंधों में से एक बनने जा रहा है। अमेरिका और भारत एक साथ हैं।’’ गार्सेटी ने भारत में राज्यों और केंद्र सरकार के बीच शक्तियों के विभाजन को लेकर भी प्रशंसा की।

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