आगरा: जूता कारोबारियों पर छापा, 20 हजार करोड़ का जूता कारोबार, पर्चियों से लेनदेन…?

आगरा: दुनियाभर में मशहूर आगरा का घरेलू जूता कारोबार 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। जूता बाजार में नोट की जगह पर्ची से बड़ा लेनदेन होता है। पर्ची से कारोबार का हींग की मंडी सबसे बड़ा केंद्र है। बड़े व्यापारी मामूली कमीशन काटकर पर्ची से करोड़ों रुपये का नकद भुगतान कर देते हैं।

14 ठिकानों पर मारा एक साथ छापा
आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा ने हरमिलाप ट्रेडर्स, बीके शूज और मंशु फुटवियर के 14 ठिकानों पर एक साथ, पूरी तैयारी से छापा मारा। आलोक नगर स्थित रामनाथ डंग के आवास, कमला नगर स्थित पूर्ति निवास, बृज बिहार, एमजी रोड, पूर्वी विला सूर्य नगर, शंकर ग्रीन, सिकंदरा, हीग की मंडी स्थित श्रीराम मंदिर मार्केट, धाकरान चौराहा पर दिनभर आयकर अधिकारियों की गाड़ियां व पुलिस फोर्स जमा रहा।

छापे में मिली पर्चियों से बढ़ी मुश्किल
रामनाथ डंग के घर, फैक्टरी व प्रतिष्ठान से बरामद पर्चियों से शहर के जूता कारोबारियों की मुश्किल बढ़ गई है। आयकर टीम इन पर्चियों को आधार बनाकर उन कारोबारियों के ठिकानों तक पहुंच सकती है। हींग की मंडी में जूता के अलावा शू मैटेरियल से जुड़े कारोबारी भी पर्चियों से लेनदेन करते हैं। हरमिलाप ट्रेडर्स का शू मैटेरियल कारोबार बड़ा कारोबार है।

बड़े जूता कारोबारी, छोटे व्यापारियों को रकम के बदले पर्ची देते हैं। जिन्हें कारोबारी जरूरत के मुताबिक भुना लेते हैं। इससे एक तरफ व्यापार में नकदी दिखाई नहीं देती। दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर टैक्स में हेराफेरी होती है। पर्चियों का यह खेल 100 से अधिक बड़े जूता व्यापारियों की साख पर चल रहा है। हींग की मंडी से लेकर गली-मुहल्लों तक फैला यह कारोबार एक तरह से उधार और वायदा कारोबार है। हरमिलाप ट्रेडर्स के रामनाथ डंग को पर्ची कारोबार का किंग माना जाता है। जूता कारोबारियों के मुताबिक पर्ची को भुनाने के बदले 50 पैसा प्रति सैंकड़ा से तीन प्रतिशत तक का ब्याज लिया जाता है।

आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा को रामनाथ डंग के घर से बड़े पैमाने पर पर्चियां मिली हैं। सूत्रों का कहना है कि पर्चियों में 20 से अधिक जूता कारोबारियों के नाम हैं। ऐसे में आयकर विभाग की जांच का दायरा भी बढ़ सकता है। रामनाथ डंग के घर से जब्त की गई राशि को लेकर रविवार को शहर के जूता कारोबारियों में अफरा-तफरी का माहौल रहा। आयकर विभाग को मिले साक्ष्यों से पर्ची भुनाने वाले कारोबारियों की गर्दन भी फंस सकती है। आयकर के छापे के बाद कोई भी जूता कारोबारी कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हो रहा।

कारोबार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पिछले एक माह से चुनाव के कारण पर्चियों का भुगतान नहीं हो रहा था। नकदी की जब्ती के डर से कारोबारी पर्चियां ही ले रहे थे। चुनाव खत्म होते ही पर्चियों को भुनाया जाने लगा। इस बीच, आयकर विभाग को भनक लग गई। पर्ची से बड़े लेनदेन की शिकायत भी आयकर विभाग तक पहुंच रही थीं।

फंस गया करोड़ों का भुगतान
हरमिलाप ट्रेडर्स के रामनाथ डंग ने जिन व्यापारियों की पर्चियों को भुनाया था उनका भुगतान फंस सकता है। सूत्रों के मुताबिक 50 करोड़ रुपये से अधिक लेनदेन की पर्चियां भुनाई गई थीं। रामनाथ डंग ने कुछ वर्षों में ही जूता कारोबार में बड़ा नाम बना लिया था। 20 साल पहले रामनाथ डंग आटा चक्की चलाते थे। फिर जूता कारोबार में पर्चियों से लेकर ब्याज पर पैसा तक बांटने लगे। रामनाथ के घर से नोटों का जखीरा जब्त होने के बाद करोड़ों रुपये की पर्चियों का भुगतान फंस गया है।

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