अमेरिका और यूरोपीय संघ ने तनाव कम करने का किया आह्वान

नई दिल्ली: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पहलगाम आतंकी हमले के बाद उभरी पब्लिक सेंटिमेंट्स का उल्लेख करते हुए साफ शब्दों में कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश की जनता जैसा चाहती है, वैसा होकर रहेगा। देश की सीमा की रक्षा मेरी जिम्मेदारी है। देश पर आंख उठानेवालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। यह राजनाथ सिंह का पाकिस्तान को सख्त संदेश था।

पीएम मोदी की कार्यशैली से सभी परिचित हैं-राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संस्कृति जागरण महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा, आप सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली और दृढ़ता से परिचित हैं, आप उनकी दक्षता और दृढ़ संकल्प से परिचित हैं। आप जानते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में किस तरह जोखिम उठाना सीखा है। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में ‘जैसा आप चाहते हैं वैसा होकर रहेगा।’ उन्होंने कहा कि भारत की ताकत केवल उसकी सेनाओं में ही नहीं, बल्कि उसकी संस्कृति, आध्यात्मिकता में भी है।

22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुआ था आतंकी हमला
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमलों में 26 लोगों की मौत हो गई थी जबकि करीब 17 लोग घायल हो गए थे। इस आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा कर दिया। भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को रोक दिया और कई तरह की पाबंदियां लगा दी है।

एलओसी पर तनाव, फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दे रही सेना
पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर विभिन्न सेक्टर में बिना उकसावे के गोलीबारी की जिसका भारतीय सेना ने प्रभावी तरीके से जवाब दिया। जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर के सामने स्थित एलओसी पर बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की गई। भारतीय सेना ने तुरंत और प्रभावी तरीके से इसका जवाब दिया।

इस तनाव के बीच पाकिस्तान द्वारा सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण की तैयारी को भारत ने ‘‘लापरवाही से युक्त उकसावे की कार्रवाई’’ और स्थिति को ‘‘खतरनाक स्थिति में पहुंचाने वाला’’ कदम माना है।

अमेरिका और यूरोपीय संघ ने तनाव कम करने का किया आह्वान
भारत ने हमले के ‘‘सीमा पार संबंधों’’ का हवाला देते हुए घटना में शामिल लोगों को कड़ी सजा देने का संकल्प लिया है। अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित कई वैश्विक शक्तियों ने आतंकवादी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करते हुए दोनों पक्षों से तनाव कम करने का आह्वान किया है।

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