CM धामी का भ्रष्टाचार पर बड़ा एक्शन, तीन साल में दर्जनों अफसरों पर हुई कार्रवाई

कहा- भ्रष्टाचार पर सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति कायम रहेगी

देहरादून : धामी सरकार ने बीते तीन साल में दर्जनों अफसरों पर कार्रवाई की। कई निलंबित हुए तो कई को सलाखों के पीछे भेजा गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हर मामले में सख्त एक्शन देखने को मिला। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार पर सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति कायम रहेगी।

हरिद्वार में नगर निगम के एक बड़े भूमि घोटाले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी और नगर निगम आयुक्त समेत कुल 12 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. समेत कुल 12 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. ये पहली बार है जब पद पर रहते हुए एक जिलाधिकारी, नगर निगम आयुक्त और एसडीएम को एक साथ सस्पेंड किया गया है.

सरकार की जीरो टॉलरेंस कार्यप्रणाली जारी है. 100 से ज्यादा भ्रष्टाचार्यों को नकल के मामले में जेल भेजा गया. भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए 1064 टोल फ्री हेल्पलाइन शुरू की गई है. उसमें जो भी शिकायत आती है उस पर तुरंत कार्रवाई की जाती है. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि जैसे ही हरिद्वार जमीन खरीद भ्रष्टाचार मामला उनके सामने आया तो उन्होंने शासन के स्तर पर एक सचिव स्तर के अधिकारी से जांच कराई गई.

जांच में दोषी पाए जाने पर एक्‍शन
मामले में प्रारंभिक रिपोर्ट में जो भी दोषी पाए गए हैं. सबको सस्पेंड किया गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि जांच रिपोर्ट जब उन्हें मिली तो इन सभी दोषी अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश दिए गए. पूरे मामले की जांच विजिलेंस को दी गई है. विजिलेंस पूरे मामले की जांच करेगी. नगर निगम के कार्यों के लिए स्पेशल ऑडिट होगा. उसमें भी जो भी खामियां नजर आएंगी उसे पर भी कार्रवाई होगी.

क्या था मामला?
बता दें कि नगर निगम हरिद्वार में 2024 में सराय क्षेत्र में 33 बीघा जमीन 58 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी. खास बात यह है कि जिस जमीन की कीमत हजारों या लाखों में आंकी जा रही थी, उसे करोड़ों में खरीदा गया. नगर निगम की ओर से कूड़ा डंपिंग क्षेत्र के समीप इस जमीन की वास्‍तविक कीमत बहुत कम थी. खरीद की प्रक्रिया के दौरान ही भूमि की श्रेणी में बदलाव का खेल किया गया था. जमीन की श्रेणी बदलने से 13 करोड़ की जमीन 53 करोड़ की हो गई थी.

धामी ने दिए थे जांच के आदेश
भारी भरकम रुपये देकर जमीन खरीदे जाने पर सवाल खड़े किए गए. मामला मुख्‍यमंत्री धामी तक पहुंचा. इस पर मुख्‍यमंत्री धामी ने आईएएस रणवीर सिंह चौहान को जांच अधिकारी बनाकर दूध का दूध पानी का पानी करने के आदेश दिए. जांच में दोषी पाए जाने पर हरिद्वार के डीएम कर्मेंद्र सिंह, तत्‍कालीन नगर आयुक्‍त वरुण चौधरी और अजयवीर को भी निलंबित कर दिया गया.

अब तक इन पर हुई कार्रवाई
– कर्मेंद्र सिंह, जिलाधिकारी और तत्कालीन प्रशासक नगर निगम हरिद्वार
– वरुण चौधरी, तत्कालीन नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार
– अजयवीर सिंह, तत्कालीन, उपजिलाधिकारी हरिद्वार
– निकिता बिष्ट, वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम हरिद्वार
– विक्की, वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक
– राजेश कुमार, रजिस्ट्रार कानूनगो, तहसील हरिद्वार
– कमलदास, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, हरिद्वार

पहले भी हो चुकी इन पर कार्रवाई
– रविंद्र कुमार दयाल, प्रभारी सहायक नगर आयुक्त (सेवा समाप्त)
– आनंद सिंह मिश्रवाण, प्रभारी अधिशासी अभियंता (निलंबित)
– लक्ष्मी कांत भट्ट्, कर एवं राजस्व अधीक्षक (निलंबित)
– दिनेश चंद्र कांडपाल, अवर अभियंता (निलंबित)
– वेदपाल, सम्पत्ति लिपिक (सेवा विस्तार समाप्त)

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