पहलगाम हमले के बाद भी नहीं डिगी श्रद्धालुओं की आस्था

खीर भवानी मेले में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब; सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम

श्रीनगर : पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी पहले बड़े धार्मिक आयोजन के लिए तैयार है। मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के तुलमुला गांव में मंगलवार को ऐतिहासिक खीर भवानी मेला होगा।

मगर आतंकी हमले का श्रद्धालुओं की आस्था पर कोई असर नहीं है। मंदिर परिसर में मौजूद हर चेहरा आस्था से दमक रहा है। न कोई डर है और न कोई संशय। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने भी तमाम व्यवस्थाएं की हैं।

सोमवार को खीर भवानी मेले से एक दिन पहले ही तुलमुला गांव स्थित माता खीर भवानी मंदिर में हजारों श्रद्धालु जुटे। मंदिर परिसर रंग-बिरंगी झंडियों, रोशनी से जगमगा रहा है। दिनभर मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन का दौर चलता रहा। कहीं महिलाएं चिनार की छांव में भजन गा रही थीं, तो कहीं श्रद्धालु ढोलक की थाप पर झूमते नजर आए। पूरा परिसर भक्ति और भाईचारे के माहौल में डूबा रहा।पहलगाम हमले के बाद श्रद्धालुओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर संतोष जताते हुए कहा कि उन्हें सबसे बड़ा भरोसा अपनी माता रानी पर है।

जम्मू से आईं मीनाक्षी फोतेहदार ने कहा कि हम 31 मई को जम्मू के जगती से चले थे, रास्ते भर पूरी सुरक्षा मिली। हमारा सफर अच्छा रहा। डरने का कोई कारण नहीं, जब माता साथ हैं तो चिंता कैसी। उनके साथ बैठीं मीनू पंडिता ने कहा कि तुलमुला आकर लौटने का मन नहीं करता। माता सब कुछ ठीक करेंगी।

संस्कृति को जीवित रखना भी भक्ति का हिस्सा
मंदिर परिसर में महिलाएं पारंपरिक कश्मीरी सब्जी हाक (कश्मीरी साग) साफ करती दिखीं। मीनाक्षी ने बताया कि हाक हमारी संस्कृति की पहचान है। बगैर इसके हमारा खाना अधूरा है। कहती हैं कि अपनी संस्कृति को जीवित रखना भी हमारी भक्ति का हिस्सा है। बाहर बैठे लोगों को यही संदेश है कि हालात जैसे भी हो डरें नहीं और माता के दरबार में आएं। सब कुछ माता के हाथ में है जो उसे करना होगा वो करेगी।। वहीं कुछ महिलाएं भजनों पर झूमती रहीं। श्रद्धा और सांस्कृतिक रंगों से पूरा परिसर सराबोर रहा।आबिद बोले- कश्मीरी एकता की पहचान है मेला

खीर भवानी मेले में स्थानीय मुस्लिम समुदाय भी बढ़-चढ़कर भाग ले रहा है। मंदिर का प्रसाद तैयार करना हो या श्रद्धालुओं का स्वागत, हर जगह उनकी भूमिका दिखी। स्थानीय निवासी आबिद हुसैन भट ने कहा कि खीर भवानी मेला सिर्फ कश्मीरी पंडितों का नहीं, हम सभी का त्योहार है।

उपायुक्त बोले- श्रद्धालुओं को सुरक्षित और समर्पित माहौल देंगेपहलगाम आतंकी हमले के बाद यह कश्मीर घाटी में पहला बड़ा आयोजन है। इसे लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। जिला उपायुक्त जतिन किशोर ने कहा कि हम शांतिपूर्ण और समृद्ध तीर्थयात्रा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button