तीन दशकों में पहली बार भारत ने एक साथ 11 पनडुब्बियों को तैनात किया

मुम्बई: भारतीय नौसेना ने तीन दशकों में पहली बार एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ऑपरेशन के लिए एक साथ 11 पारंपरिक पनडुब्बियों को तैनात किया है.
भारतीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह तैनाती पिछले दो दशकों में भारतीय पनडुब्बी इतिहास के बिलकुल विपरीत है. भारतीय नौसेना में करीब 25 साल तक सेवा दे चुके एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि वास्तव में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
अधिकारी ने कहा, जब से मैं भारतीय नौसेना में शामिल हुआ हूं, मैंने एक साथ इतनी बड़ी तैनाती नहीं देखी है. इसका मुख्य कारण यह था कि हमारे पास संचालन के लिए पर्याप्त पनडुब्बियां नहीं थीं जबकि कई पनडुब्बियों के मरम्मत के दौर से गुजर रही थी.
एक साथ 11 पनडुब्बियों तैनात
भारत के रक्षा प्रतिष्ठान के एक सूत्र ने कहा कि आखिरी बार 1990 के दशक की शुरुआत में भारतीय पनडुब्बियों को एक साथ सबसे बड़ी संख्या में तैनात किया गया था. उस समय भारतीय नौसेना ने आठ रूस की किलो-श्रेणी की, चार एचडीडब्ल्यू (जर्मन) और चार रूसी फॉक्सट्रॉट पनडुब्बियां तैनात की थीं.
भारतीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह तैनाती पिछले दो दशकों में भारतीय पनडुब्बी इतिहास के बिलकुल विपरीत है। भारतीय नौसेना में करीब 25 साल तक सेवा दे चुके एक वरिष्ठ अधिकारी के अपुसार ‘यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.’
अधिकारी ने कहा, जब से मैं भारतीय नौसेना में शामिल हुआ हूं, मैंने एक साथ इतनी बड़ी तैनाती नहीं देखी है. इसका मुख्य कारण यह था कि हमारे पास संचालन के लिए पर्याप्त पनडुब्बियां नहीं थीं जबकि कई पनडुब्बियों के मरम्मत के दौर से गुजर रही थी।
भारतीय पनडुब्बियों की परिचालन क्षमता कैसे बढ़ी
2025 तक भारतीय नौसेना के बेड़े में कुल 17 पनडुब्बियां मौजूद होंगी, लेकिन यह संख्या सिर्फ कागजों में ही दिखेगी। नौसेना विशेषज्ञ के अनुसार, सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण पनडुब्बियों की परिचालन उपलब्धता होती है। भारतीय नौसेना में शामिल स्कॉर्पीन पनडुब्बियां बिलकुल नई हैं। ऐसे में इनकी उपलब्धता का अनुपात बहुत अधिक है। इसके बाद जर्मन एचडीडब्ल्यू आते हैं, जो सबसे विश्वसनीय और उच्च प्रदर्शन वाले बने हुए हैं। ये पनडुब्बियां अगले 10-15 वर्षों तक हमारे साथ रहेंगी। सूत्र ने बताया कि शुरुआत में भारत के पास 10 किलो श्रेणी की पनडुब्बियां थीं, लेकिन अब केवल सात बची हैं।
भारत के पास 16 पारंपरिक पनडुब्बियां
भारत के पास फिलहाल 16 पारंपरिक पनडुब्बियां हैं. इनमें पांच स्कॉर्पियन-क्लास (फ्रांसीसी), चार एचडीडब्ल्यू (जर्मन) और सात किलो-क्लास (रूसी) पनडुब्बियां शामिल हैं. एक और स्कॉर्पियन श्रेणी की पनडुब्बी कमीशनिंग की प्रतीक्षा में है. इस तरह अगले साल तक भारत के पास 17 पारंपरिक पनडुब्बियां होंगी.
रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय नौसेना के लिए बेहतर तकनीक से लैस छह और पनडुब्बियां हासिल करने का प्रस्ताव पहले ही एक दशक से अधिक समय से विलंबित है और 2030 तक उसके पूरा होने की संभावना नहीं है.
रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय नौसेना के लिए बेहतर तकनीक से लैस छह और पनडुब्बियां हासिल करने का प्रस्ताव पहले ही एक दशक से अधिक समय से विलंबित है और 2030 तक उसके पूरा होने की संभावना नहीं है।