मोबाइल कॉलिंग का नियम बदलेगी सरकार,धोखाधड़ी रोकने में भी करेगा मदद

कॉल आने पर नंबर के साथ दिखाई देगी ये खास जानकारी

नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग (DoT) ने गुरुवार को टेलिकॉम कस्टमर्स को कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवाओं के लिए परीक्षण शुरू करने का निर्देश दिया है. जानकारी के अनुसार सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों को भेजे गए पत्र में टेलीकॉम विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को सीएनएपी के लिए ट्रायल शुरू करने का निर्देश दिया है, जिससे टेलीकॉम उपभोक्ताओं को यह जानने में मदद मिलेगी कि वास्तव में कॉल करने वाला कौन है, जिससे यूजर्स के लिए यह तय करना आसान हो जाएगा कि क्या कॉल उठाना है या नहीं. CNAP टेलीकॉम नेटवर्क पर स्पैम कॉल और धोखाधड़ी को रोकने में भी मदद करेगा.

आगे यह भी बताया गया है कि बैंकों की तरह रिटेल कनेक्शन वाले ग्राहकों को सभी कनेक्शनों के लिए एक सामान्य नाम रखने की अनुमति होगी, जिसे कंपनी के नाम या ट्रेडमार्क के तहत पंजीकृत भी किया जा सकता है. इसके लिए यूजर को सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. इससे पहले, 23 फरवरी को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने उपयोगकर्ताओं के लिए CNAP सेवाओं की शुरुआत के लिए सरकार को सिफारिशें भेजी थीं.

अपनी सिफारिशों में, ट्राई ने कहा कि ट्रूकॉलर और भारत कॉलर आईडी जैसे देशी थर्ड-पार्टी ऐप कॉलर पहचान और स्पैम पहचान के लिए फीचर्स ऑफर कर सकते हैं, लेकिन उनका आधार क्राउड सोर्स्ड डेटा है, जो विश्वसनीय नहीं हो सकता है. इसके लिए, ट्राई ने कहा कि टेलीकॉम ऑपरेटरों को ग्राहकों के नाम के साथ उनके फोन नंबर वाला एक डेटाबेस बनाने और बनाए रखने की आवश्यकता होगी.

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