बंगाल में अब एनआईए की टीम पर हमला, कार में तोड़फोड़, दो अफसर घायल
NIA के अधिकारी इलाके में विस्फोट की जांच के लिए भूपतिनगर गए थे

कोलकाता/पूर्वी मिदनापुर (पश्चिम बंगाल): हाल ही में ED की टीम पर हमले के बाद अब पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के भूपतिनगर में 6 अप्रैल यानी शनिवार सुबह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम पर लोगों ने हमला कर दिया। यह हमला उस समय किया गया जब एनआईए अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के घर पर 2022 में हुए विस्फोट मामले की जांच के लिए वहां पहुंचे थे। उसी समय उग्र भीड़ ने NIA टीम की कार पर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे कार की विंडस्क्रीन क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार एक अफसर घायल हो गए।
बता दें कि भूपतिनगर में 3 दिसंबर, 2022 को हुए एक विस्फोट में छप्पर का घर ध्वस्त हो गया था और तीन लोगों की मौत हो गई थी। पिछले महीने, NIA ने विस्फोट के सिलसिले में पूछताछ के लिए 8 तृणमूल कांग्रेस नेताओं को बुलाया था। एजेंसी ने आठों को अपने अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा था, क्योंकि वे पहले के समन में जांच में शामिल नहीं हुए थे, जिसमें उन्हें 28 मार्च को न्यू टाउन में NIA कार्यालय का दौरा करने का निर्देश दिया गया था। एनआईए की टीम इसी केस के सिलसिले में मनबेंद्र जाना को गिरफ्तार करने भूपतिनगर पहुंची थी, जब भीड़ ने उस पर हमला बोल दिया।
दो महीने संदेशखाली में NIA की टीम पर हुआ था हमला
दो महीने पहले पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में ED की टीम पर हमला हुआ था। तब केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी स्थानीय टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर पर छापा मारने गए थे। शेख के समर्थकों ने ईडी टीम के साथ गए केंद्रीय बल के जवानों पर भी हमला किया था। उस समय पत्थरबाजी में घायल ईडी के तीन अधिकारियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
शाहजहां शेख बंगाल के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक का करीबी है और संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण के आरोप में फिलहाल वह सीबीआई की गिरफ्त में है। ज्योति प्रिया मल्लिक पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाला मामले में आरोपी है। उसे ईडी ने पिछले साल के आखिरी में गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल जेल में है।
ED टीम के सामने आ गई थी उग्र भीड़
राशन घोटाला मामले में ही बोनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या को इस साल 6 जनवरी 2024 को गिरफ्तार करने पहुंची ईडी की टीम को उग्र भीड़ का सामना करना पड़ा था। भीड़ ने कथित तौर पर ईडी अधिकारियों को आध्या को अपने साथ ले जाने से रोकने की कोशिश की थी और उनके वाहनों पर पथराव किया था। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ईडी टीम के साथ आए सीआरपीएफ जवानों को भीड़ पर लाठीचार्ज करना पड़ा था।
केंद्रीय एजेंसी ने उत्तर 24 परगना जिले के टीएमसी नेता शंकर आध्या को बोनगांव के सिमुलटोला में उनके आवास से गिरफ्तार किया था। ईडी टीम ने गिरफ्तारी से पहले आध्या और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी संपत्तियों की 17 घंटे तक तलाशी ली थी।