अवैध निर्माण को हटाने के लिए आदेश की क्या आवश्यकता : हाईकोर्ट

स्वतः विधिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाए

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास स्थित न्यायविद हनुमान मंदिर के दक्षिण की ओर नव निर्माणाधीन मंदिर के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर Friday को कोर्ट ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने कहा कि जब निर्माण कार्य अवैध है तो उस पर क्या कार्रवाई की गई. अवैध निर्माण हटाया जाए. उसे हटाने के लिए कोई न्यायिक आदेश की आवश्यकता नहीं है. स्वतः विधिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाए.

इस पर पीडीए ने कहा कि चुनाव है. लिहाजा, अवैध निर्माण को हटाने के लिए जरूरत के मुताबिक Police बल की जरूरत है. समय दिया जाए. इस पर कोर्ट ने समय देते हुए अगली सुनवाई की तिथि तीन जुलाई तय की है.

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास Wednesday की खंडपीठ ने सुनीता शर्मा व अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.

इसके पहले सुनवाई शुरू होते ही याची अधिवक्ता न्यायविद हनुमान मंदिर संघर्ष समिति के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत मिश्रा की ओर से कहा गया कि नगर निगम और पीडीए दोनों ने नवनिर्माणाधीन मंदिर को अवैध बताया है. लिहाजा, अवैध निर्माण हटाया जाए. पीडीए ने अपने हलफनामे में कहा है कि उसने निर्माण कार्य रोकवा दिया है. इस पर कोर्ट ने पीडीए से पूछा कि क्या कार्रवाई की गई.

पीडीए की ओर से कहा गया कि Lok Sabha का चुनाव चल रहा है. अवैध निर्माण को हटाने के लिए Police बल की आवश्यकता है. इस पर कोर्ट ने कहा कि Police बल की आवश्यकता क्या है. निर्माण अवैध है, उसे अपने तरीके से हटाइए. इस पर पीडीए के अधिवक्ता ने समय दिए जाने की मांग की. इस पर कोर्ट ने तीन जुलाई तक का समय देते हुए अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जानकारी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया.

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