पॉल पूरी तरह से मशीन के भरोसे

पोलियो पॉल: एक वक्त था जब भारत में पोलियो के कई मामले देखने को मिलते थे. लेकिन अब भारत पोलियो मुक्त है. इसका वायरस इतना खतरनाक होता है कि शरीर को अपाहिज कर देता है. कई देशों में अब भी पोलियो के केस सामने आते रहते हैं. अमेरिका का एक पोलियो केस ऐसा था जिसके जिक्र भर से लोगों की रूह कांप जाती थी. पोलियो संक्रमित एक व्यक्ति को 70 साल तक 7 फीट के लोहे के डिब्बे में जीवन व्यतीत करना पड़ा. अब जाकर मौत के साथ उसे पोलियो के दर्द से मुक्ति मिली है.

बता दें कि 1952 में अमेरिका में पोलिया के मामले अचानक बढ़े थे. कई लोगों को पोलियो वायरस ने संक्रमित किया था. हजारों की संख्या में बच्चे पोलियो से संक्रमित हुए थे. अमेरिका के इन पोलियोग्रस्त लोगों में से एक थे पॉल एलेक्जैंडर. 6 साल के पॉल एलेक्जैंडर की शरीर को पोलियो ने बुरी तरह प्रभावित किया. उनकी जिंदगी नर्क से भी बदतर हो गई थी.

पॉल एलेक्जैंडर को पोलियो पॉल भी कहा जाता था. पोलियो होने के बाद पॉल पूरी तरह से मशीन के भरोसे हो गए थे. उनकी जीवन 7 फीट लंबे लोहे के डिब्बे में सिमट कर रह गया. पोलियो होने के बाद उन्हें सांस लेने में कठिनाई होने लगी थी. जिसके चलते उनके लिए 7 फीट की मशीन तैयार की गई थी, जिसे आयरन लंग भी कहा जाता है.

अमेरिका में जब पोलियो तेजी से फैला था तब पॉल 6 साल के थे. एक दिन पॉल तेज बुखार हुआ. उनका बदन दर्द करने लगा और गर्दन घूम नहीं पा रही थी. तब उनकी मां समज गईं कि पॉल भी पोलियो से संक्रमित हो चुके हैं. पॉल को अस्पताल ले जाया गया है. जहां डॉक्टरों ने कहा कि पॉल का बचना मुश्किल है.

इस दौरान एक डॉक्टर ने आयर लंग की बात कही. पॉल के लिए आयरन लंग तैयार किया गया, जिससे उनकी जान बच गई. कुछ साल तक वे आयरन लंग में ही रहे. इसके बाद उन्होंने आयरन मशीने के बिना जीना भी सीख लिया. उन्होंने कॉलेज जाना शुरू किया और वकील बने. उनके जानने वालों ने बताया कि एक वक्त के बाद पॉल को सिर्फ रात के वक्त सोते समय आयरन लंग की जरूरत होती थी. हाल ही में उनका निधन हुआ है. बता दें कि आयरन लंग अब चलन में नहीं है लेकिन इस लोहे के डिब्बे में सबसे ज्यादा वक्त बिताने वाले पोलियो पॉल ही थे.

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