अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती के खिलाफ अमेरिकी प्रस्ताव पर रूस का Veto

वाशिंगटन: अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाए गए प्रस्ताव को रूस ने वीटो कर दिया। लगभग छह सप्ताह की बातचीत के बाद अमेरिका और जापान द्वारा आउटर स्पेस ट्रीटी मसौदा प्रस्ताव पर मतदान कराया गया। इसके पक्ष में 13 वोट पड़े, जबकि चीन अनुपस्थित रहा। यह प्रस्ताव सदस्य देशों को परमाणु सहित सामूहिक विनाश के हथियारों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित न करने के लिए बाध्य करता है।

दो दिनों से पूरी दुनिया में एक नई चर्चा चल रही है. अंतरिक्ष में परमाणु हथियार. लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या अंतरिक्ष में इस तरह के हथियार हैं? क्या दुनिया के ताकतवर देशों के पास इस तरह के हथियार हैं, जो अंतरिक्ष से लॉन्च किए जा सकते हैं? आइए जानते हैं कि क्या असल में स्पेस वेपन का इस्तेमाल किसी देश के खात्मे के लिए किया जा सकता है. या ऐसा कुछ है ही नहीं. 

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि जैसा कि अमेरिका का आकलन है कि रूस परमाणु उपकरण ले जाने वाला एक नया उपग्रह विकसित कर रहा है। हमने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सार्वजनिक रूप से यह कहते सुना है कि रूस का अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करने का कोई इरादा नहीं है। यदि ऐसा होता तो रूस इस प्रस्ताव पर वीटो नहीं करता।

सुलिवन ने कहा कि वीटो किए गए मसौदा प्रस्ताव में सभी सदस्य देशों से विशेष रूप से कक्षा में स्थापित करने के लिए डिजाइन किए गए परमाणु हथियार विकसित न करने का भी आह्वान किया गया था। किसी पक्ष द्वारा परमाणु हथियारों को कक्षा में स्थापित करने से संचार सुविधाओं के साथ ही मौसम विज्ञान, कृषि, वाणिज्यिक और राष्ट्रीय सुरक्षा सेवाओं के लिए खतरा पैदा हो जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थामस ने सुरक्षा परिषद के सदस्यों से कहा कि प्रस्ताव पर वीटो करके रूस ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है।

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