5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बने व्लादिमीर पुतिन
कहा- देश का नेतृत्व करना सबसे पवित्र काम

मॉस्को: व्लादिमीर पुतिन ने 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति की शपथ ली है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को क्रेमलिन समारोह में अपने छह साल के नए कार्यकाल के लिए शपथ ली। इस शपथ समारोह का यूक्रेन में रूस के युद्ध के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अन्य पश्चिमी देशों ने बहिष्कार किया।
1999 से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के रूप में पुतिन (Russia President Vladimir Putin) सत्ता में बरकरार हैं। पुतिन ने इससे पहले साल 2000 में पहली बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसके बाद से 2004, 2012 और 2018 में भी वे राष्ट्रपति बन चुके हैं। यूक्रेन में हजारों सैनिकों को भेजने के दो साल से अधिक समय बाद अपना नया कार्यकाल शुरू कर रहे हैं।
समारोह के दौरान, पुतिन ने कहा कि रूस अन्य देशों के साथ संबंध विकसित करने के लिए तैयार है। रूस को हर खतरे और चुनौती को मुहंतोड़ जबाव देने के लिए तैयार होना होगा। बता दें, यूक्रेन के साथ जारी संघर्ष के कारण अमेरिका सहित तमाम पश्चिमी देशों ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया है।
पांचवी बार राष्ट्रपति बने पुतिन
पुतिन ने पांचवी बार रूस के राष्ट्रपति के रूप में सत्ता संभाल ली है। देश में जनमत संग्रह के जरिए तीन दिन तक मतदान की प्रक्रिया चली थी। मतदान सर्वेक्षक संस्था पब्लिक ओपिनियन फाउंडेशन (एफओएम) के एग्जिट पोल के मुताबिक, पुतिन ने 87.8% वोट हासिल किए।
यह रूस के सोवियत इतिहास के बाद का सबसे बड़ा परिणाम है। रशियन पब्लिक ओपिनियन रिसर्च सेंटर (वीसीआईओएम) ने पुतिन को 87% पर रखा है। नतीजों के अनुसार, कम्युनिस्ट उम्मीदवार निकोलाई खारितोनोव दूसरे स्थान पर रहे। निकोलाई को महज 4% वोट ही मिले। वहीं नवागंतुक व्लादिस्लाव दावानकोव तीसरे और लियोनिद स्लतस्की चौथे स्थान पर रहे।
राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में थे चार दावेदर
व्लादिमीर पुतिन
व्लादिस्लाव दावानकोव
लियोनिद स्लटस्की
निकोले खारितोनोव
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए शुरुआत में 33 लोगों ने दावेदारी की थी लेकिन 15 लोग ही आवश्यक दस्तावेज जमा कर पाए। हालांकि, एक जनवरी को दस्तावेज जमा करने की अंतिम समय सीमा तक 11 उम्मीदवार ही राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए बचे। अंत में चार ही उम्मीदवार राष्ट्रपति पद के लिए मैदान में आ पाए।