संजीवनी बूटी से कम नहीं छोटा सा पीला पौधा ‘सत्यानाशी’

देसी दवाओं के फायदे गिनते-गिनते थक जाएंगे

भारत में बीमारियों के इलाज के लिए देसी दवाओं का इस्तेमाल सदियों से होता रहा है. औषधीय गुणों से भरपूर तमाम जड़ी-बूटियों और पेड़-पौधों का इस्तेमाल आयुर्वेद समेत कई चिकित्सा प्रणालियों में होता रहा है. आज आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताएंगे, जिसका नाम सत्यानाशी है और यह कई बीमारियों का नाश कर सकता है. इस पौधे का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो कई गंभीर बीमारियों से राहत मिल सकती है. यह पौधा कई जानलेवा और संक्रामक रोगों से बचाने में भी कारगर हो सकता है. हालांकि इसका यूज आयुर्वेद एक्सपर्ट की सलाह पर ही करना चाहिए।

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन की रिपोर्ट के अनुसार सत्यानाशी प्लांट में तमाम मेडिसिनल प्रॉपर्टी होती हैं. इस पौधे का इस्तेमाल संक्रामक रोगों, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर और कैंसर के इलाज के लिए किया जाता रहा है।

यह पौधा आमतौर पर महाराष्ट्र के मराठवाड़ा की उजाड़ भूमि पर पाया जाता है. इसका उपयोग ओरल कैविटी इंफेक्शन में भी किया जाता है. इस पौधे के तने और पत्तियों से ठंडा जलीय और मेथनॉलिक अर्क तैयार किया जाता है. रिसर्च में पता चला है कि इस पौधे के तले और पत्तियों के अर्क में बेहद पावरफुल एंटीफंगल और एंटीकैंसर गुण होते हैं।

सत्यानाशी के पौधे के 5 कमाल के फायदे
– सत्यानाशी के पौधे में एंटीडायबिटिक, एंटीइनफर्टिलिटी, एंटीफंगल समेत कई तरह के इंफेक्शन से लड़ने के गुण होते हैं.
– आयुर्वेद में सत्यानाशी प्लांट के पौधे का इस्तेमाल स्किन संबंधी कई बीमारियों को खत्म करने के लिए भी किया जाता है.
– जानकारों की मानें तो सत्यानाशी प्लांट से घाव को जल्दी भरने में मदद मिलती है और इससे सूजन तेजी से कम हो सकती है.
– कई लोग अस्थमा की समस्या से निजात पाने के लिए भी सत्यानाशी के पौधे का इस्तेमाल करते हैं. यह बुखार में भी कारगर है.
– इस औषधीय पौधे के तने और पत्तियों के अर्क का उपयोग दांतों की कैविटी से छुटकारा दिलाने में किया जा सकता है।

आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली में 2000 साल पहले से सत्यानाशी का पौधा उपचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. कई आयुर्वेद चिकित्सकों का दावा है कि कैंसर और एचआईवी एड्स से बचाने में भी यह पौधा असरदार साबित हो सकता है. इस औषधीय पौधे में एल्कलॉइड, फ्लेवोनोइड, ग्लाइकोसाइड, टेरपेनोइड और फेनोलिक्स जैसे माध्यमिक मेटाबोलाइट्स भी पाए जाते हैं. इसका अर्क मानव स्वास्थ्य के रखरखाव के लिए फायदेमंद हैं और पुरानी से पुरानी बीमारियों के इलाज में प्रभावी हो सकता है. कई स्टडी में यह भी पाया गया कि सत्यानाशी प्लांट की पत्तियों में एंटी-कैंसर गुण होते हैं.
(इस पौधे का सेवन अपनी मर्जी से नहीं करना चाहिए और आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए)

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