‘ल्यूकोरिया(सफेद पानी) कारण और निवारण

डॉ राजेश दीक्षित – 

अधिकतर महिलाएं ल्यूकोरिया जैसे-श्वेतप्रदर, सफेद पानी जैसी बीमारियो से जुझती रहती हैं, लेकिन शर्म से किसी को बताती नहीं और इस बीमारी को पालती रहती हैं। यह रोग महिलाओं को काफी नुकसान पहुंचाता है। इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए पथ्य करने के साथ-साथ योगाभ्यास का नियमित अभ्यास रोगी को रोग से छुटकारा देने के साथ आकर्षक और सुन्दर भी बनाता है।

सफ़ेद पानी किसी एक पोषक तत्व की कमी से नहीं होता. यह हार्माेनल बदलाव, संक्रमण, या अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के कारण आ सकता है.

सफ़ेद पानी आने के कारण –
हार्माेनल बदलाव:- पीरियड्स, प्रेग्नेंसी, या मेनोपॉज़ के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के कारण सफ़ेद पानी आ सकता है.
संक्रमण:- बैक्टीरियल वेजिनोसिस, यीस्ट इंफ़ेक्शन, या एसटीडी के कारण सफ़ेद पानी आ सकता है.
तनाव और थकान:- अत्यधिक मानसिक और शारीरिक तनाव के कारण सफ़ेद पानी आ सकता है.
स्वच्छता की कमी:– गंदे कपड़े पहनना या योनि की सही सफ़ाई न रखना.
पोषण की कमी:- कफ़ दोष की अधिकता ल्यूकोरिया का कारण हो सकती है.
ब्लड की कमी:- जिन महिलाओं में ब्लड की कमी होती है वे ल्यूकोरिया से पीड़ित हो सकती हैं.

सफ़ेद पानी आने की समस्या लगभग हर वयस्क महिलाओं को रहती है. वजाइनल डिसचार्ज की न्यूनतम मात्रा शरीर के लिए ज़रूरी होती है. अगर आपको सफ़ेद पानी आने की समस्या बार-बार हो रही है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

> यौगिक क्रिया – प्राणायाम ओम प्राणायाम 21 बार, कपालभाति 5 मिनट, अणुलोम-विलोम 5 मिनट, भ्रामरी प्राणायाम 5 बार।
> आसन – वज्रासन, शशांकासन, भुजंगासन, अर्धशलमासन, धनुरासन, पश्चिमोत्तोनासन, कन्धरासन।
> बन्ध – मुलबन्ध का विशेषरूप से अभ्यास इस बीमारी में काफी लाभदायक होता है ।
> मुद्रा – अश्विनी मुद्रा, सहजोली मुद्रा, विपरित करणी मुद्रा और क्रमवार से धीरे धीरे सूर्य नमस्कार का अभ्यास।
> अंतत – यथाशक्ति शारीरिक श्रम करें , दिन में सोना बंद करें, आसन, प्रणायाम और प्रातरू खुली हवा में प्रत्येक दिन टहलने का दैनिक कार्यक्रम बनायें।
> क्रोध, चिन्ता, शोक, भय से दूर रहें। सदैव प्रफुल्लित रहें।
> अपथ्य – तेज मिर्च मसालेदार पदार्थ, तेल में तले पदार्थ, गुड़, खटाई, अरबी, बैगन, अधिक सहवास, रात में जागना, उत्तेजक साहित्य, चाय, काफी।
> संगीत – मजाक से बचे। पथ्य का पालन करते हुए योगाभ्यास के नियमित अभ्यास छुटकारा मिलेगा ही साथ ही साथ आकर्षक और सुन्दर भी आप दिखेंगी।
> आहार – सभी हरी शाक-सब्जियां, सूप, खिचड़ी, दलिया, चोकरयुक्त आंटे की रोटी, फल में केला, अंगूर , सेव, नारंगी, अनार, आवंला, पपीता, चीकू, मौसमी, पुराना शाली चावल, चावल का धोवन तथा मांड़, दूध, शक्कर, घी, मक्खन, छाछ, अरहर और मूंग की दाल, अंकुरित मूंग, मोठ आदि का समुचित प्रयोग एवं स्वच्छता का पालन करे।

डॉ राजेश दीक्षित- (कैंसर रोग विशेषज्ञ – राष्ट्रीय अध्यक्ष – इंडियन बोर्ड आफ योगा एंड नेचुरोपैथी मेडिसिन नई दिल्ली)

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