कब से शुरू होगा मीन मलमास?

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, जब सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे मीन मलमास कहा जाता है. इस दौरान कुछ शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. आइए जानते हैं कि मीन मलमास कब से कब तक है और इस दौरान क्या करें और क्या नहीं.

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में मलमास को शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब सूर्य मीन राशि में होता है तो उसका तेज मलीन हो जाता है. यानी मीन मलमास में सूर्य का शुभ प्रभाव कमजोर पड़ जाता है. ऐसे में इस दौरान शादी-विवाह, सगाई, मुंडन, जनेऊ जैसे शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. पंचांग के अनुसार, इस साल मीन मलमास 14 मार्च से 14 अप्रैल तक रहेगा. ऐसे में चलिए जानते हैं कि मीन मलमास के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

क्या होता हो मीन मलमास?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे मीन संक्रांति कहा जाता है. इस दिन मीन मलमास की शुरुआत हो जाती है. इस दौरान कुछ शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. हालांकि, मीन मलमास के दौरान कुछ शुभ कार्य किए जा सकते हैं.

मीन मलमास में क्या ना करें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मीन मलमास में शादी नहीं होती है. इसके साथ ही इस दौरान नए मकान का निर्माण और नई संपत्ति की खरीदारी वर्जित होता है. इसके अलावा इस दौरान नया व्यापार या नया काम शुरू नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकता है. इतना ही नहीं, मीन मलमास के दौरान कान छिदवाना, मुंडन संस्कार और द्विरागमन इत्यादि कार्य भी वर्जित हैं.

मीन मलमास में क्या करना रहेगा शुभ

मीन मलमास में प्रेम विवाह किया जा सकता है. अगर कुंडली में शुक्र मीन राशि में हो इस दौरान शुभ कार्य किए जा सकते हैं. इसके अलावा मीन मलमास में दैनिक जीवन में होने वाले कार्यों पर पाबंदी नहीं रहती है. इस अवधि में श्राद्ध कर्म किया जा सकता है.

सूर्य देव की कृपा पाने के लिए करें ये काम

शास्त्रों के अनुसार, मीन मलमास की अवधि में जल में हल्दी मिलाकर सूर्य देव को अर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही सुबह-शाम सूर्य के मंत्रों का जाप करना चाहिए. अगर कुंडली में सूर्य का कोई दोष है तो ऐसे में रविवार का व्रत रखें और इस दिन गुड़ का दान करें. ऐसा करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होगी.

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