लोकसभा में शुरू होगी जस्टिस वर्मा को हटाने की प्रक्रिया, सभी दल सहमत रू किरेन रिजिजू
भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे जज को हटाने का मामला लोकसभा में आगे बढ़ेगा

नई दिल्ली : संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को घोषणा की कि कथित भ्रष्टाचार के मामले में फंसे इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा को हटाने की कार्यवाही लोकसभा में शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी दल एकजुट होकर न्यायपालिका में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने पर सहमत हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विपक्ष के नोटिस को राज्यसभा में स्वीकार नहीं किया गया है, जिससे लोकसभा में अब यह प्रक्रिया शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है।
वहीं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को पद से हटाने के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष द्वारा एक संयुक्त प्रस्ताव लोकसभा में लाया जाएगा। क्योंकि सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों का नोटिस राज्यसभा में स्वीकार नहीं किया गया है। उच्च सदन को यह उसी दिन मिला था, जब सत्तापक्ष और विपक्ष का संयुक्त प्रस्ताव नोटिस 21 जुलाई को लोकसभा में सौंपा गया था। इसके साथ ही 63 विपक्षी दलों के राज्यसभा सदस्यों के द्वारा साइन किए गए नोटिस की अटकलों का दौर भी समाप्त हो गया है।
तीन सदस्यीय जांच समिति की घोषणा कर सकते हैं लोकसभा अध्यक्ष बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जल्द ही तीन सदस्यीय जांच समिति की घोषणा कर सकते हैं, जो जस्टिस वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करेगी। रिजिजू ने कहा, हमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए, जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की कार्यवाही लोकसभा में शुरू होगी। न्यायाधीश (जांच) अधिनियम के अनुसार, लोकसभा में प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह मामला राज्यसभा में जाएगा। इस नोटिस पर सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष के 150 से अधिक सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।
बता दें तत्कालीन सभापति ने नोटिस मिलने का जिक्र किया था। जिसके बाद उसी रात को उन्होंने अचानक उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा सौंप दिया। जिसको लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है।