वर्ल्ड किडनी डे

कभी हुई थीं दोनों किडनी खराब, आज देश भर के 225 शहरों में चल रहे 370 सेंटर

आज वर्ल्ड किडनी डे है। इस अवसर पर आपको हम एक ऐसे उद्यमी की कहानी बता रहे हैं जिनकी दोनों किडनी खराब है। उनकी मां ने किडनी डोनेट की, लेकिन वह भी खराब हो गई। दोनों किडनी खराब होने की बात जान कर तो जैसे उनके जीवन में भूचाल आ गया। जीवन डायलिसिस सेंटर में जाकर सिमट गई। यूएस (USA) की यूनिवर्सिटी में मिली मास्टर्स की सीट कैंसिल हो गई। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आज वह देश भर में डायलिसिस का अस्पताल नेफ्रोप्लस (Nephroplus) की चेन चलाते हैं। आज की तारीख में देश के 225 शहरों में उनके 370 सेंटर चल रहे हैं। यही नहीं उनकी पहुंच विदेशों में भी हो गई है। आज हम सक्सेस स्टोरी में नेफ्रोप्लस के को-फाउंडर कमल शाह की संघर्ष की दास्तान सुना रहे हैं।

कमल शाह का संबंध एक गुजराती कारोबारी परिवार से है। पहले उनके अभिभावक बेंगलुरु में रहते थे। बाद में वह हैदराबाद शिफ्ट कर गए। वहीं उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई। बाद में उनका सेलेक्शन ओस्मानिया विश्वविद्यालय (Osmania University) के इंजीनियरिंग कॉलेज में हो गया। स्ट्रीम था केमिकल इंजीनियरिंग (Chemical Engineering)। वहां से स्नातक करने के बाद उनका सेलेक्शन यूएस (USA) के एक यूनिवर्सिटी में मास्टर इन केमिकल इंजीनियरिंग के लिए हो गए। उन्होंने इसके लिए सारी प्रक्रिया पूरी की। वीजा लगा, टिकट ले लिया।

जब वह यूएस (USA) रवाना हो रहे थे, उससे पहले उन्हें कई तरीके की वैक्सीन लेनी पड़ी। यह यूएस जाने के लिए जरूरी था। वैक्सीन लेने के बाद उन्हें कुछ दिक्कत हुई। लगा वैक्सीन का रिएक्शन है, दो-तीन दिन में ठीक हो जाएगा। लेकिन दिक्कत लंबी चली तो फेमिली डॉक्टर के यहां गए। वहां कुछ टेस्ट करने के बाद पता चला कि उनकी दोनों किडनी खराब है। थोड़ी और जांच चली तो पता चला कि स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब है। इसका निदान डायलिसिस होगा। इसके बाद सप्ताह में तीन दिन डायलिसिस करवाना पड़ता था। डॉक्टर ने बताया कि कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

जब किडनी का इलाज नहीं हुआ तो उन्होंने इसे ठीक करने के लिए घाट-घाट का पानी पिया। होमियोपैथी, आयुर्वेदिक, यूनानी, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर सभी को आजमाया। इसमें डेढ़ साल निकल गए। लेकिन कोई फायदा नहीं। तब उनकी मां ने एक किडनी दान में दी। इसे ट्रांसप्लंट कराया गया। इसके बाद लगा, कि अब ठीक हो जाएगा। लेकिन कुछ ही महीने बाद मां की दी हुई किडनी भी खराब हो गई। पता चला कि इस किडनी में भी वही दिक्कत हुई जो कि उनके ओरिजनल किडनी में थी। मतलब मां की दी हुई किडनी भी बेकार हो गई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button