POK में लोगों का जबर्दस्त प्रदर्शन, 70 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट करने की खबरें

पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प, एक पुलिसकर्मी की मौत

पाकिस्तान की कंगाल सरकार के खिलाफ पीओके में लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। इसी क्रम में रावलकोट में लोगों ने पुलिस और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया। इस बीच लोगों ने भारत का झंडा फहराया। इस घटना के बाद पाकिस्तान ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ को जिम्मेदार ठहराया है।

क्यों किया जा रहा प्रदर्शन
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने लोगों पर अनुचित टैक्स लगा रखे हैं, जिसके खिलाफ अब लोग सड़कों पर उतर आए हैं। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कर्मियों पर पथराव भी किया। वहीं दूसरी ओर अपनी मांगों को लेकर ज्वाइंट आवामी एक्शन कमेटी ने आज (11 मई) को पीओके के मुजफ्फराबाद में विरोध प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया है।

बताया जाता है कि ये इन प्रदर्शनों से निपटने के लिए पाकिस्तान ने दमनकारी नीति अपनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए बाहर से एक्स्ट्रा फोर्स मंगाई जा रही है। इससे प्रदर्शनकारी भड़के हुए हैं। इसी क्रम में ज्वाइंट आवामी एक्शन कमेटी ने ये फैसला किया है कि वो विरोध प्रदर्शनों को बलपूर्वक कुचलने की नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा।

दाने-दाने को मोहताज हैं पीओके के लोग पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों का दर्द ये है कि है कि उनके पास गिलगिट बाल्टिस्तान में लोग भूखे मर रहे हैं। उनके पास खाने के लिए खाना तक नहीं है। वहां बिजली की कटौती अपने चरम पर है। भारत के सेव शारदा संगठन ने भी पीओके के लोगों का समर्थन किया है।

उल्लेखनीय है कि आज होने जा रहे विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ सरकार ने पंजाब प्रांत से भारी संख्या में फ्रंटियर फोर्स के जवानों को डिप्लॉय किया है। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना के रेंजर्स और क्यूआरटी को भी मैदान में उतारा गया है।.

70 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट करने की खबरें
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी बलों ने शुक्रवार को पीओके के मीरपुर जिले में 70 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया. इसके बाद गुस्साई भीड़ सड़कों पर उतर गई. गिरफ्तारी के विरोध में आम जनता ने सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके और कई जगहों पर झड़प हुई. रिपोर्ट के अनुसार, इलाके में धारा 144 लगा दी गई है.

दरअसल, जम्मू-कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमिटी ने पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाने के लिए शुक्रवार को एक आम हड़ताल बुलाई थी. इसमें ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल भी शामिल थी. कमिटी ने इस्लामाबाद सरकार पर समझौतों को पूरा न करने का आरोप लगाया है. मुजफ्फराबाद में हड़ताल के दौरान पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने और हवा में गोलियां चलाने का भी सहारा लेना पड़ा.

कर्ज के चक्कर में फंसा पाकिस्तान
दरअसल, पाकिस्तानी कमरतोड़ महंगाई से जूझ रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 3 अरब डॉलर के कर्ज की मंजूरी देते समय कड़ी शर्तों लगाई थीं, जिसके कारण स्थिति और खराब हो गई है. बिजली दरों में बढ़ोतरी से दिक्कतें बढ़ गई हैं और पाकिस्तान में लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं.

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