के कविता : राउज एवेन्यू कोर्ट से नहीं मिली राहत, तीन जून तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से एक बार फिर आबकारी नीति मामले से जुड़े सीबीआई केस में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) एमएलसी के. कविता को राहत नहीं मिली। कोर्ट ने सोमवार को उनकी न्यायिक हिरासत तीन जून तक बढ़ा दी है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 15 मार्च को उन्हें हैदराबाद के बंजारा हिल्स स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था।

शराब घोटाले में के. कविता का नाम क्यों आया?
ईडी ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में शराब लाइसेंस के एक बड़े हिस्से के बदले में ‘साऊथ ग्रुप’ ने राष्ट्रीय राजधानी में AAP को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। एजेंसी ने बीआरएस नेता के. कविता को इसी ‘साउथ ग्रुप’ का एक प्रमुख सदस्य बताया है। इसके अलावा समूह में मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे मगुंटा राघव रेड्डी, अरुण रामचंद्र पिल्लई बुचीबाबू गोरांटला, अभिषेक बोइनपल्ली और पी सरथ चंद्र रेड्डी शामिल बताए गए हैं।

ईडी ने दावा किया है कि कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली शराब घोटाला में लाभ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर साजिश रची। इन अहसानों के बदले के कविता ने आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये भी दिए। ईडी ने कहा कि के कविता और उनके सहयोगियों ने आप को पहले ही भुगतान कर दिया। ईडी ने पिछले दिनों पीएमएलए अदालत को बताया था कि के. कविता दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले की मुख्य साजिशकर्ता और लाभार्थी में से एक थीं।

क्या है कथित शराब नीति घोटाला?
कोरोना काल के बीच दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने ‘दिल्ली आबकारी नीति 2021-22’ लागू की थी। इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था।

जांच कैसी शुरू हुई?
सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की। बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी।

ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button