यूपी की राजनीति में अब एक और नये गठबंधन ने एंट्री मारी!

स्वामी प्रसाद ने खुद को घेषित किया ‘मुख्यमंत्री’ का चेहरा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की सियासत में 2027 चुनाव के पहले सरगर्मी तेज हो गई है. 2027 विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व में बहुजन समाज पार्टी,भाजपा और समाजवादी पार्टी के नेता रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक नए राजनीतिक मोर्चे की घोषणा कर दी है.

लखनऊ स्थित एक होटल में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘लोक मोर्चा’ के गठन का ऐलान किया. उनके इस ऐलान के बाद अभी तक यूपी में जहां NDA और INDIA अलायंस के बीच लड़ाई थी, उसमें एक तीसरे गठबंधन की एंट्री हो गई है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया कि यह मोर्चा 9 राजनीतिक दलों को साथ लेकर बनाया गया है, जिनका उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को मजबूत करना है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सर्वसम्मति से स्वामी प्रसाद मौर्य को 2027 के चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी घोषित किया गया.

लोक मोर्चा में जो 9 दल शामिल हैं वो हैं . अपनी जनता पार्टी जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य हैं, राष्ट्रीय समानता दल जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं मोती लाल शास्त्री, सम्यक पार्टी जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं डॉ. राजामणि सुव्वैया राय (संस्थापक – तपेन्द्र प्रसाद, पूर्व IAS), जनसेवा दल जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं विनेश ठाकुर, पोलिटिकल जस्टिस पार्टी जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं राजेश सिद्धार्थ (संस्थापक – डॉ. बीपी अशोक, पूर्व IPS), सर्वलोकहित समाज पार्टी जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं सत्य नारायण मौर्य, स्वतंत्र जनता राज पार्टी जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं घनश्याम कोरी, सबका दल (U) जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं प्रमोद लोधी, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं राजकुमार सैनी (पूर्व सांसद)

स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान में कहा कि उन्होंने हमेशा बहुजन समाज के हक के लिए संघर्ष किया है. वह किसी पद के लालच में राजनीति में नहीं आए. अगर कोई पद मेरे हिस्सेदारी के आंदोलन में बाधा बना, तो मैंने उसे त्यागने में देर नहीं की .उन्होंने बताया कि लोक मोर्चा का गठन इसलिए हुआ क्योंकि वर्तमान सरकार ने सामाजिक न्याय, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हितों की अनदेखी की है.

ये मोर्चा एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर बनाया गया है. जिसमें हिस्सेदारी आधारित टिकट वितरण और मंत्रिमंडल गठन, निजी क्षेत्र और न्यायपालिका में प्रतिनिधित्व, मुफ्त और समान शिक्षा,मुफ्त चिकित्सा, मुफ्त सुरक्षा और मुफ्त न्याय, OBC और अल्पसंख्यकों को भी SC/ST की तरह आरक्षण, राज्यसभा और विधान परिषद में OBC/अल्पसंख्यकों को आरक्षण, यूनिवर्सल बेसिक इनकम की व्यवस्था और पुरानी पेंशन योजना की बहाली शामिल है.

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