बलूचों ने भारत से मांगी मदद, पाकिस्तान से आजादी की मांग
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचों के सबसे बड़े विद्रोही समूह बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने आजादी के लिए भारत से समर्थन की मांग की है। ईरान में शरण लेने वाले बीएलएफ के नेता अल्लाह नजर बलूच ने कहा कि हम ईरान, अफगानिस्तान, भारत, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और यूएई के राष्ट्रपति से पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी का समर्थन करने की अपील करते हैं।
बलूचिस्तान के लोग लंबे समय से पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों से पीड़ित हैं। पाकिस्तानी सेना ने हजारों की संख्या में बलूचों का अपहरण करके हत्या की है। हाल में ही बलूचों ने ग्वादर बंदरगाह के तारबंदी के खिलाफ बड़े विरोध प्रदर्शन को शुरू करने की चेतावनी दी है।
बलूच नेताओं ने बलूचिस्तान की आजादी के लिए भारत से समर्थन मांगा है। उनका कहना है कि पाकिस्तान ने पिछले 76 साल से बलूचिस्तान पर जबरन कब्जा किया हुआ है। उन्होंने भारत के अलावा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से भी मदद मांगी है।
बलूच नेता ने क्या कहा
स्वतंत्रता समर्थक नेता और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) के प्रमुख डॉ अल्लाह नजर बलूच ने एक बयान में कहा कि बलूच राष्ट्र ईरान, अफगानिस्तान, भारत और मध्य पूर्व के सभी देशों सहित पड़ोसी देशों से आत्मनिर्णय के लिए हमारे संघर्ष के साथ खड़ा होने के लिए अपनी तत्काल अपील दोहराता है।
हम यूरोपीय संघ, अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बलूच लोगों के खिलाफ पाकिस्तानी राज्य द्वारा किए जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को पहचानने का भी आह्वान करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें बलूच मुद्दे का समर्थन करने के लिए आगे आना चाहिए।
पाकिस्तान पर लगाया बलूचिस्तान पर कब्जे का आरोप
उन्होंने कहा, इसके अलावा, सहस्राब्दियों से, बलूच लोगों ने एक विशिष्ट सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान बनाए रखी है। अरब जगत के साथ हमारे लंबे और सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। हालाँकि, 1947 में स्थापित एक राज्य पाकिस्तान ने 76 वर्षों से अधिक समय से बलूचिस्तान पर कब्जा कर रखा है और हमारे लोगों को व्यवस्थित उत्पीड़न और हिंसा का शिकार बना रहा है।
सऊदी क्राउन प्रिंस और यूएई के राष्ट्रपति से मांगी मदद
डॉ. बलूच ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति महामहिम मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से आग्रह किया कि उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ बलूच संघर्ष को मान्यता देनी चाहिए क्योंकि बलूचों के अरबों के साथ सैकड़ों वर्षों के ऐतिहासिक संबंध हैं। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान एक नवजात और अप्राकृतिक राज्य है।