‘लद्दाख में चीन ने कब्जाई जमीन, कड़कड़ाती ठंड में भूख हड़ताल पर बैठे सोनम वांगचुक
सोनम वांगचुक ने कहा- LAC तक रैली कर दिखाऊंगा हकीकत

लद्दाखः पर्यावरण कार्यकर्ता ने मंगलवार को कहा कि लद्दाख से लगभग 10,000 लोग इस महीने चीन की सीमा तक मार्च करेंगे ताकि यह दिखाया जा सके कि हमने अपनी कितनी जमीन पड़ोसी देश को खो दी है.
वांगचुक लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों और अन्य मांगों को लेकर पिछले 14 दिनों से लेह में शून्य से नीचे के तापमान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमें चरवाहों से पता चलता है कि उन्हें अब उन जगहों पर जाने की अनुमति नहीं है जहां वे पहले हमेशा जाते थे. जिन इलाकों में चरवाहे कुछ साल पहले तक जाते थे, अब उससे कई किलोमीटर पहले उन्हें रोक दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि हमारा मार्च चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर फिंगर एरिया (पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी तट), डेमचोक, चुशुल समेत अन्य इलाकों से हम अपना मार्च 27 मार्च और 7 अप्रैल 24 को निकालेंगे।
उत्तर से चीन कर रहा जमीन पर कब्जा
वांगचुक ने बताया कि इसके अलावा हम अपने मार्च के दौरान उन क्षेत्रों, प्रमुख चारागाह भूमि को भी दिखाएंगे, जिन्हें सौर पार्क में बदला जा रहा है. लोग कॉरपोरेट्स के हाथों अपनी जमीन खो रहे हैं. वांगचुक ने बताया कि यहां के लोग करीब 1,50,000 वर्ग किमी मुख्य चारागाह भूमि खो चुके हैं. उत्तर से चीन अतिक्रमण कर रहा है, चीनियों ने पिछले कुछ वर्षों में भूमि के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है. कुछ लोगों ने बताया कि सीमा विवाद के कारण पूर्वी लद्दाख के कुल 65 पैट्रोलिंग पॉइंट में से कम से कम 26 पॉइंट पर गश्त नहीं की जा रही है.
अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं सोनम वांगचुक!
लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) के सदस्य, जो क्रमशः लद्दाख में बौद्ध बहुमत और शिया मुस्लिम बहुल क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं, संयुक्त रूप से लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा, संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की मांग, स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण, लेह और कारगिल में से प्रत्येक के लिए एक संसदीय सीट की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं।
दूसरी तरफ बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार छठी अनुसूची की मांग को पूरा करने से साफ इनकार कर रही है. वांगचुक का कहना है कि सरकार छठी अनुसूची पर अपना वादा निभाने से इनकार कर रही है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम यह नहीं दे सकते, लेकिन हम आपको कुछ संवैधानिक सुरक्षा देंगे. यह विश्वास तोड़ने जैसा है. वांगचुक ने कहा कि वह भारत के लोगों को इसके प्रति जागरूक करेंगे.