‘फरार’ अमरमणि त्रिपाठी की संपत्तियां होंगी कुक!
हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला रखा सुरक्षित

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपहरण के एक मामले में फरार पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को झटका दिया है। बस्ती के एमपी एमएलए कोर्ट की ओर से पूर्व मंत्री की संपत्ति कुर्क करने के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया है। लेकिन, कुर्की आदेश पर रोक नहीं लगाई है।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की अदालत कर रही है। पिछली तारीख पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूर्व मंत्री की ओर से दाखिल दस्तावेजों और सरकार की ओर से पेश हलफनामे में तथ्यों की भिन्नता मिलने पर ट्रायल कोर्ट की ऑर्डरशीट बंद लिफाफे में तलब की थी। बुधवार को शासकीय अधिवक्ता एके सड ने सीलबंद लिफाफा पेश किया।
इसमें बस्ती कोतवाली के इंस्पेक्टर की ओर से बताया गया कि अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ 36 आपराधिक मामलों का इतिहास है। अमनमणि त्रिपाठी की ओर से पेश वकील ने आपराधिक इतिहास को काफी पुराना बताते हुए स्वीकार कर लिया। इसके बाद अदालत ने कुर्की आदेश फैसला सुरक्षित कर लिया। फिलहाल, कोई फौरी राहत नहीं मिली है।
मंत्री के आवास से बरामद हुआ था व्यापारी का अपहृत बेटा
मामला बस्ती जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र का है। छह दिसंबर 2001 को व्यापारी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल का अपहरण हो गया था। जो अमरमणि के लखनऊ आवास से बरामद किया गया था। इस मामले में कोतवाली थाने में पूर्व मंत्री अमरमणि समेत नौ लोगों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। मामले की विवेचना के बाद पुलिस की ओर से दाखिल आरोप पत्र पर बस्ती की एमपी एमएलए कोर्ट ने ट्रायल शुरू किया और पूर्व मंत्री को तलब किया था, लेकिन वह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। कोर्ट में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया था, फिर पुलिस उन्हें अदालत में पेश नहीं कर सकी थी।
कड़ी टिप्पणी के साथ डीजीपी को दिया कुर्की आदेश
नाराज स्पेशल कोर्ट ने यूपी के प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को पूर्व मंत्री की संपत्ति की कुर्की के साथ ही हर हाल में अदालत के सामने हाजिर करने का आदेश दिया था। स्पेशल जज की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि फरार अभियुक्त प्रभावशाली व्यक्ति है। उसका लंबा आपराधिक इतिहास है। उनके खिलाफ हत्या समेत कुल 20 आपराधिक मामले दर्ज हैं। स्थानीय पुलिस पूर्व मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रही है।