संसाधन प्रबंधन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता में एक निर्णायक कारक था- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
आज के युग में युद्ध केवल बंदूकों और गोलियों से नहीं जीते जाते

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को वडोदरा स्थित गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सशस्त्र बलों को जुटाने से लेकर सही समय और स्थान पर उपकरण पहुंचाने तक हमारी एजेंसियों द्वारा निर्बाध संसाधन प्रबंधन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता में एक निर्णायक कारक था।
“चाहे युद्ध हो, आपदा या वैश्विक महामारी — मजबूत लॉजिस्टिक्स श्रृंखला वाले राष्ट्र ही सबसे स्थिर, सुरक्षित और सक्षम होते हैं”. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर में पूरी दुनिया ने देखा कि विभिन्न एजेंसी ने जिस तरह लॉजिस्टिक मैनेजमेंट कर, हमारी फोर्सेज के मोबिलाइजेशन से लेकर, उनकी जरूरतों के साजो-सामान को उचित समय और उचित जगह पर पहुंचाने में मदद की, वह इस ऑपरेशन की सफलता में, निश्चित ही एक निर्णायक साबित हुआ.
रक्षा मंत्री रविवार को वडोदरा स्थित गति शक्ति विश्वविद्यालय (GSV) के दीक्षांत समारोह को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आज युद्ध केवल हथियारों से नहीं, बल्कि संसाधनों की सटीक और समय पर आपूर्ति से जीते जाते हैं और ऑपरेशन सिंदूर इसका श्रेष्ठ उदाहरण है.
‘आर्थिक प्रगति में लॉजिस्टिक्स के महत्वपूर्ण’
उन्होंने 21वीं सदी में भारत की आकांक्षाओं को गति प्रदान करने में जीएसवी जैसी संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। राजनाथ सिंह ने देश की आर्थिक प्रगति में लॉजिस्टिक्स के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे उत्पादन-पूर्व से लेकर उपभोग तक, हर चरण को जोड़ने वाले प्रमुख स्तंभों में से एक बताया।
उन्होंने भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लॉजिस्टिक्स के योगदान को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण बताया, साथ ही कोविड के दौरान इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया, जब जरूरत के समय लाखों टीके, ऑक्सीजन सिलेंडर और चिकित्सा दल एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचे।
रक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत के बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व विकास हुआ है और समग्र और एकीकृत दृष्टिकोण के साथ इस परिवर्तन की नींव नीतिगत सुधारों और मिशन मोड परियोजनाओं के माध्यम से रखी गई है। इसका प्रभाव केवल भौतिक संपर्क तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे आर्थिक उत्पादकता में भी वृद्धि हुई है, लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी आई है और सेवा वितरण में सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा, पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत, रेलवे, सड़क, बंदरगाह, जलमार्ग, हवाई अड्डे, जन परिवहन और लॉजिस्टिक्स आधारभूत ढांचे जैसे विकास के सात शक्तिशाली स्तंभ मिलकर भारत की अर्थव्यवस्था को एक मजबूत आधार प्रदान कर रहे हैं। पीएम गतिशक्ति केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक विजन है, जो अत्याधुनिक तकनीक और डेटा-आधारित योजना के माध्यम से बुनियादी ढांचे को भविष्योन्मुखी बना रहा है।
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति पर, रक्षा मंत्री ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य एक एकीकृत, कुशल और लागत-प्रभावी लॉजिस्टिक्स नेटवर्क बनाना है, जो न केवल लॉजिस्टिक्स लागत को कम करेगा बल्कि डेटा-आधारित निर्णय लेने को भी प्रोत्साहित करेगा।
उन्होंने आगे कहा, “इस नीति का उद्देश्य मौजूदा 13-14 प्रतिशत लॉजिस्टिक्स लागत को विकसित देशों के स्तर पर लाना है। इससे घरेलू और वैश्विक बाजारों में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। लॉजिस्टिक्स लागत में कमी से सभी क्षेत्रों में दक्षता बढ़ेगी और मूल्यवर्धन तथा उद्यम विकास को बढ़ावा मिलेगा।”