भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाना देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
मुक्त आवाजाही व्यवस्था को खत्म करने का फैसला : जयशंकर

आइजोल/नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि केंद्र ने भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लाने और मुक्त आवाजाही व्यवस्था को खत्म करने का फैसला किया है। क्योंकि सरकार देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। आइजोल में भाजपा का घोषणा-पत्र जारी करने के बाद पत्रकारों से बातचीत जयशंकर ने यह बात कही।
पड़ोसी देश म्यामांर एक संकट से गुजर रहा- जयशंकर
गौरतलब है कि फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद अपने देश से भागने के बाद म्यांमार के हजारों लोगों ने कई उत्तर-पूर्वी राज्यों खासकर मिजोरम में शरण ली है। मुझे लगता है कि हमारे देश की सुरक्षा, मिजोरम सहित हमारे राज्यों की सुरक्षा के लिए हमें कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। लेकिन अभी हम जो सावधानियां बरत रहे हैं, वे एक निश्चित स्थिति के जवाब में हैं। अभी भी हमारा पड़ोसी एक संकट से गुजर रहा है। अगर म्यांमार में चीजें सामान्य होतीं तो ऐसा नहीं होता।
यह जरूरी है कि हम सावधानी बरतें- जयशंकर
जयशंकर ने कहा कि केंद्र लोगों के हितों, परंपराओं, रीति-रिवाजों और सीमा पार रिश्तों के प्रति बहुत संवेदनशील है। प्रस्तावित सीमा बाड़ लगाने और एफएमआर को खत्म करने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल यह महत्वपूर्ण है कि हम सावधानी बरतें। इसलिए हम चाहते हैं कि लोग समझें कि यह आज की स्थिति की प्रतिक्रिया है।
क्या है एफएमआर?
केंद्र ने फरवरी में भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और दोनों देशों के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था को खत्म करने का फैसला किया। एफएमआर भारत-म्यांमार सीमा के करीब रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किमी तक जाने की अनुमति देता है। भारत म्यांमार के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है और विशेष रूप से मिजोरम, पड़ोसी देश के साथ 510 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।
मिजोरम विधानसभा ने 28 फरवरी को भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और एफएमआर को खत्म करने के केंद्र के फैसले के विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया था। इससे पहले, मुख्यमंत्री लालडुहोमा ने कहा था कि उनकी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने और एफएमआर को खत्म करने के विचार का कड़ा विरोध किया है, लेकिन अगर मिजोरम सरकार अपनी योजना पर आगे बढ़ती है तो केंद्र का विरोध करने का उसके पास कोई अधिकार नहीं है।