40 साल में पहली बार वार ढूंढेंगे नया ठिकाना

बारामती : महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के बीच पवार परिवार में एक और दरार पड़ गई है. 4 दशक की परंपरा टूट गई है. इस बार के चुनाव में महाराष्ट्र के बारामती शहर में क्रिश्चियन कॉलोनी में एक नहर के पास का मैदान पूरे पवार कबीले की सभा का गवाह नहीं बनेगा. इस मैदान को लेकर शरद पवार और अजित पवार के गुट में बयानबाजी शुरू हो गई है.

पवार परिवार में एक और दरार
दरअसल 40 वर्षों से बारामती लोकसभा और विधानसभा सीटों के लिए चुनावी रैली के समापन के दौरान, पूरा पवार परिवार दोपहर के भोजन के लिए इकट्ठा होता था और फिर मैदान में जाता था जहां शरद पवार भीड़ को संबोधित करते थे. इस बार पवार परिवार में पड़ी दरार के चलते यह परंपरा टूटने वाली है.

अजित पवार ने चाचा से मैदान भी छीना!
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने पहले ही अपनी पत्नी के लिए समापन रैली आयोजित करने के लिए मैदान बुक कर लिया है. उनकी पत्नी सुनीता पवार, मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ सियासी जंग लड़ रही हैं. मैदान को लेकर पूछे गए सवाल पर सुप्रिया सुले ने कहा कि यह निराशाजनक है. इस मैदान पर अंतिम रैली आयोजित करने की परंपरा अजित पवार के राजनीति में आने से पहले ही शरद पवार ने शुरू कर दी थी. चुनाव चिन्ह के बाद अब तो जमीन भी छीन ली गई है.

सुप्रिया सुले ने बोला हमला

अजित पवार के इस कदम के बाद शरद पवार और उनकी बेटी को 5 मई को अपनी अंतिम रैली के लिए वैकल्पिक स्थान ढूंढने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. सुले ने कहा कि पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न की तरह अजित पवार ने दिग्गज शरद पवार से जमीन भी छीन ली है.

पांच लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न

बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीट हैं. एमवीए के घटक दलों के बीच हुए सीट-बंटवारे के अनुसार शिवसेना (यूबीटी) 21 सीट पर, कांग्रेस 17 सीट पर और राकांपा (शरदचंद्र पवार) 10 सीट पर चुनाव लड़ रही है. तीनों दल विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल हैं और राज्य एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. महाराष्ट्र में पहले चरण के चुनाव में पांच लोकसभा सीट पर मतदान हो चुका है.

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