यूपी में योजनाओं की होगी हाईटेक निगरानी, योगी सरकार का मास्टरस्ट्रोक

सरकार की पहल से फर्जी योजनाओं की होगी 'छुट्टी'

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नई पहल की है, जिससे विकास कार्यों में पारदर्शिता देखने को मिलेगी। इसके तहत अब योजनाओं के प्रस्तावों का परीक्षण प्रधानमंत्री गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री अनुश्रवण प्रणाली (सीएमआईएस) पोर्टल को गति शक्ति पोर्टल से जोड़ा गया है। सरकार की इस पहल से दो फायदे होंगे, जहां योजनाओं के दोहराव को रोका जा सकेगा, साथ ही सही परियोजनाओं को चयन भी हो सकेगा।

कैसे काम करेगा पोर्टल :- जैसे ही दोनों पोर्टल मर्ज हो जाएंगे, वैसे ही यह पहले ही बता देगा कि जिन लोकेशन पर सड़क, पुल, भवन आदि की योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं, उस लोकेशन पर पहले से संबंधित निर्माण या किसी अन्य विभाग की योजनाएं प्रस्तावित हैं या नहीं। एक बार जब सारी स्थितियां स्पष्ट हो जाएंगी, उसके बाद ही उस प्रस्तावित योजना को स्वीकार किया जाएगा।

विभाग के प्रमुख सचिव ने दी जानकारी :- नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने इसके बारे में काफी कुछ बताया है। उनके मुताबिक पीएम गति शक्ति पोर्टल पर बहुत छोटी-छोटी सूचनाएं भी उपलब्ध हैं। इस पोर्टल पर योजनाओं के प्रस्ताव को चेक करने का फायदा यह होगा कि योजनाओं के चयन में पारदर्शिता आएगी और दोहराव भी नहीं होगा। मान लीजिए यदि किसी सड़क के लिए प्रस्ताव आया है और पहले से वहां पर कोई सड़क बनी है तो पोर्टल नए प्रस्ताव को स्वीकार ही नहीं करेगा।

पोर्टल पर ही लिए जाएंगे जन प्रतिनिधियों के प्रस्ताव :- विभाग से इस योजना को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक, इस व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव जिले के अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री अनुश्रवण प्रणाली (सीएमआईएस) पोर्टल पर लिए जाएंगे। इसके लिए जिलों के अधिकारियों को बाकायदा ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इस व्यवस्था से यह भी फायदा होगा कि लागू होने पर प्रस्तावित योजनाओं का मौके पर सर्वे करने का समय बचेगा, साथ ही सही काम का चयन भी हो सकेगा।

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