495 साल बाद अयोध्या दरबार में खेली जाएगी होली

रामलला के लिए कचनार के फूलों से बने हर्बल गुलाल से शुरू हुई रामलला की होली

अयोध्याः होली खेले रघुबीरा, अवध में होली खेले रघुबीरा. होली के ख़ास अवसर पर गाए जाने वाले अवध के इस ख़ास गीत को सुन कर होली के स्वरूप और परम्परा का भान हो जाता है. इस बार की होली अयोध्या के लिए राम वाली होली है, क्योंकि रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं. वैसे अयोध्या में होली के कई रंग दिखते हैं. साधू-संतो की माने तो इस दिन वह किसी और के साथ नहीं बल्कि साक्षात् भगवान् राम के साथ ही होली खेलते हैं.

रंगभरी एकादशी के मौके पर प्रभु राम का फूलों से श्रृंगार किया गया और उनको अबीर-गुलाल लगा होली की शुरूआत की गई. साथ ही फलों का भोग भी लगाया गया. लगभग 495 साल बाद रंग भरी एकादशी के मौके पर प्रभु राम को फाग के गीत भी सुनाए गए. रामलला दरबार में साधु संत और भक्त ‘होली खेले रघुवीरा अवध में’ गीत गुनगुनाते नजर आए. दर्शन पूजन के साथ श्रद्धालु भी मंदिर परिसर में फाग के गीत सुनकर मंत्रमुग्ध दिखे.

अयोध्या में हनुमान जी सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण देने खुद जाते हैं
वहां मौजूद साधू संतों को लेकर उस मंदिर में पूजा-अर्चना कर साथ लेकर आगे बढ़ जाते हैं. राजू दास महंत हनुमानगढ़ी, हेमंत दास उत्तराधिकारी महंत ज्ञान दास ने कहा कि ऐसी मान्यता है कि अयोध्या में हनुमान जी सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण देने खुद जाते हैं इसीलिए उनका पवित्र निशान वर्ष में केवल एक बार इसी ख़ास अवसर पर निकाला जाता है.

फाग गीत सुनकर राम भक्त हुए भाव विभोर
रंगभरी एकादशी के मौके पर रामलला के दरबार में मेयर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने फाग के गीत सुनाए तो राम भक्त भी भाव विभोर हो गए. प्रभु के दरबार में भक्तों ने होली खेली तो गिरीश पति त्रिपाठी के फाग गीतों ने लोगों का मन मोह लिया. रंगभरी एकादशी से ही अयोध्या के सभी मठ मंदिरों में होली की शुरुआत हो जाती है. यह उत्सव हर एक मंदिर में मनाया जाता है. रामलला के दरबार से लेकर कनक भवन, दशरथ महल, लाल साहब मंदिर तक होली के रंग में डूबे नजर आ रहे हैं.

बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा उत्सव
प्रभु राम के दरबार में लगभग 495 साल बाद रंग भरी एकादशी के मौके पर फाग के गीत सुनाए गए. भव्य तरीके से रंग भरी एकादशी का पर्व मनाया गया. प्रभु राम का फूलों से श्रृंगार किया गया. फलों का भोग लगाया गया. भक्त से लेकर भगवान तक सब ने एक दूसरे को अबीर- गुलाल लगाकर होली का आगाज शुरू किया. प्रभु राम के दरबार में अब हर पर्व और उत्सव बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है.

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