साइबर फ्रॉड की रोकथाम के लिए गृह मंत्रालय ने लॉन्च किया ‘प्रतिबिंब’ सॉफ्टवेयर

नई दिल्ली: देश में लगातार बढ़ते साइबर अपराध को रोकने के लिए कई तरह के उपाएं अमल में लाए जा रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए एक नया हथियार पेश किया है। एमएचए के साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने राज्य पुलिस और एंजेसियों की मदद के लिए इस सॉफ्टवेयर को तैयार करके लॉन्च किया है। अधिकारियों के मुताबिक, ये सॉफ्टवेयर साइबर अपराधियों को रियल टाइम में ट्रैक करके उनके नेटवर्क को तबाह कर देगा।
मोबाइल नंबरों की रियल टाइम लोकेशन
अधिकारियों ने कहा है कि प्रतिबिंब पूरे देश के साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल नंबरों को जियोग्राफिक इंफोर्मेशन सिस्टम यानी जीआईएस पर प्रदर्शित करेगा। अधिकारियों के मुताबिक, ये सॉफ्टवेयर साइबर अपराधियों के रियल नंबरों की वास्तविक लोकेशन की जानकारी को सर्विस देने वाले और एजेंसियों को मैप पर प्रदान करेगा।
पुलिस की गिरफ्तार में आए 50 अपराधी
अधिकारी के मुताबिक, साइबर अपराधियों को लगातार पकड़ने के लिए झारखंड और हरियाणा को टारगेट किया गया है। साइबर अपराधियों के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने सबसे बड़ा अभियान चलाया था। इस दौरान लगभग 42 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए अधिकतर अपराधी राष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराध की वारदातों में शामिल थे। पुलिस ने इनके पास से 50 फोन, फर्जी आधार कार्ड, 90 सिम, कैश और एटीएम कार्ड भी बरामद किया है।
साइबर अपराधियों के खिलाफ एक्शन
एमएचए ने प्रतिबिंब सॉफ्टवेयर से पहचाने गए 12 साइबर अपराधियों के हॉटस्पॉट के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश भी जारी कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रतिबिंब सॉफ्टवेयर लॉन्च होने के बाद ये देखा गया है कि निगरानी के तहत कुछ अपराधी अपने स्थान को बदल लेते हैं। ऐसे में साइबर अपराधियों की लोकेशन को लगातार ट्रैक करना मुश्किल हो रहा था।