भारतीय सेना का सिक्किम में ‘दिव्य दृष्टि’ सैन्य अभ्यास
‘त्रिशक्ति कोर’ की टुकड़ियों ने तैयार किया भविष्य की लड़ाई का खाका

नई दिल्ली/गंगटोक : उच्च हिमालयी क्षेत्रों में संभावित युद्ध की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना ने पूर्वी सिक्किम में ‘दिव्य दृष्टि’ नामक एक महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास किया। यह अभ्यास जुलाई माह में संपन्न हुआ, जिसमें आधुनिक प्रौद्योगिकियों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ड्रोन और ‘सेंसर-टू-शूटर’ क्षमताओं का परीक्षण किया गया।
‘त्रिशक्ति कोर’ की टुकड़ियों ने इस अभ्यास के दौरान भूमि आधारित प्रणालियों और हवाई प्लेटफार्मों जैसे कि यूएवी और ड्रोन की मदद से वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में रणनीतियां आजमाईं। इस अभ्यास की मुख्य विशेषता एआई-सक्षम सेंसरों का उपयोग था, जो उन्नत संचार प्रणालियों से जुड़े थे। इससे कमांड सेंटर्स के बीच सूचना का त्वरित और सुरक्षित आदान-प्रदान संभव हो सका, जिससे निर्णय लेने की गति और सटीकता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। यह प्रणाली ‘सेंसर-टू-शूटर’ कड़ी को सशक्त बनाती है।
सेना मुख्यालय की ओर से उपसेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर ने इस अभ्यास की समीक्षा की। त्रिशक्ति कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल जुबिन ए मिनवाला ने कहा कि अभ्यास ‘दिव्य दृष्टि’ पूरी तरह सफल रहा। हमने अत्याधुनिक तकनीकों का परीक्षण वास्तविक परिस्थितियों में किया। इससे प्राप्त अनुभव भारतीय सेना की भविष्य की रणनीतियों, सिद्धांतों और तकनीकी विकास में उपयोगी सिद्ध होंगे। यह अभ्यास ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘डिकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन’ जैसे प्रमुख राष्ट्रीय अभियानों के अनुरूप सेना की स्वदेशीकरण और तकनीकी आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।