दुश्मन के छक्के छुड़ाएगा भारत का पहला UAV बॉम्बर FWD-200B

देश को स्वदेशी बॉम्बर UAV एयरक्राफ्ट मिल गया

बेंगलुरु: भारत को रक्षा क्षेत्र में बड़ी सफलता हाथ लगी है. सालों की कोशिशों के बाद देश को अपना पहला स्वदेशी बॉम्बर UAV (मानव रहित हवाई वाहन) एयरक्राफ्ट मिल गया है. इसका नाम FWD-200B रखा गया है. दुनिया को इसकी पहली झलक बेंगलुरु में एक समारोह के दौरान देखने को मिली. बेंगलुरु की फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस टेक्नोलॉजीज ने इसे बनाया है. इस UAV की खास बात है कि इसे पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है.

बेंगलुरु की फ्लाइंग वेज कंपनी ने भारत के पहले स्वदेशी बॉम्बर UAV एयरक्राफ्ट FWD-200B का बनाया है. यह यूएवी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. अपनी लागत के दम पर यह एयरक्राफ्ट कॉस्ट इफेक्टिव डिफेंस सॉल्यूशन में भी भारत को मजबूत पोजिशन में स्थापित करता है.

FWD-200B रणनीतिक रक्षा उपकरणों मेंआत्मनिर्भरता की दिशा में भारत का एक अहम कदम माना जा रहा है. इसकी तुलना अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन से भी की जा रही है, जो भारत को FWD-200B के मुकाबले 10 गुना ज्यादा कीमत का पड़ता है. भारत को एक अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन 250 करोड़ रुपये का पड़ता है. जबकि यह स्वदेशी UAV महज 25 करोड़ रुपये में उपलब्ध होगा.

कितनी खूबियों से लैस है FWD-200B UAV एयरक्राफ्ट ?
FWD-200B एक मध्यम-ऊंचाई, लंबी एंड्योरेंस (MALE) वाला लड़ाकू वाहन है जो 100 किलोग्राम का पेलोड उठा सकता है. यह ऑप्टिकल निगरानी पेलोड और सटीक हवाई हमले के लिए मिसाइल जैसे हथियारों से लैस है. इसकी अधिकतम स्पीड 370 किलोमीटर प्रति घंटा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेक ऑफि के समय यह 498 किलोग्राम का वजन उठा सकता है. जमीन से 200 किलोमीटर की ऊंचाई तक UAV को कंट्रोल किया जा सकता है.

फ्लाइंग वेज ने 2023 में अपनी स्वदेशी UAV तकनीक के लिए DGCA टाइप सर्टिफिकेशन हासिल किया था. इसकी फ्यूल कैपेसिटी 100 किलोग्राम है. इसकी एंड्योरेंस का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि ये बिना रुके 12-20 घंटे तक आसामन की ऊंचाई में उड़ान भर सकता है. सी लेवल से 9 हजार फीट की ऊंचाई पर भी FWD-200B मानव रहित एयरक्राफ्ट ठीक तरह से काम करने में सक्षम है.

काफी समय से था घरेलू लड़ाकू UAV का इंतजार
भारत में काफी समय से घरेलू लड़ाकू UAV के निर्माण को लेकर कोशिश चल रही थी. DRDO के तपस और रुस्तम जैसी परियोजनाएं भी इसी सिलसिले में थीं लेकिन वो अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाईं. अब बेंगलुरु की फ्लाइंग वेज ने देश के लंबे इंतजार को खत्म कर दिया है. कंपनी के अनुसार FWD-200B का निर्माण भारत की मेक इन इंडिया पहल का नतीजा है.

फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस के संस्थापक सुहास तेजस्कंदा ने इस मौके पर कहा, ’15 सालों से भारत का अपना लड़ाकू UAV एक दूर का सपना बना हुआ था. FWD-200B के लॉन्च के साथ, भारत न केवल इस सपने को पूरा करता है बल्कि उन्नत लड़ाकू विमान क्षमताओं वाले देशों की लीग में भी शामिल हो गया है.’ इसे आर्मड फोर्सेस में शामिल करने पर काम चल रहा है.

अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन से किस मायने में बेहतर है स्वदेशी FWD-200B?
कुछ महीनों पहले ही अमेरिका ने भारत को 31 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन देने की डील को मंजूरी दी थी. इस सौदे की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी की पिछले साल की अमेरिका यात्रा के दौरान ही हो गई थी.

31 ड्रोन के अलावा कई और हथियार भारत को बेचे जाएंगे. पूरे सौदे की अनुमानित लागत लगभग 4 बिलियन डाॅलर (लगभग 32 हजार करोड़ रुपए) है. FWD-200B जैसे प्रभावी घरेलू लड़ाकू वाहन होने से न केवल आत्मनिर्भर को बढ़ावा मिलता है बल्कि भारत को कॉस्ट इफेक्टिव डिफेंस सॉल्यूशन में मजबूत पोजिशन में स्थापित करता है.

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