भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात
कहा- भारत-चीन के बीच बिना रुकावट कारोबार पूरी दुनिया के हित में’

नई दिल्ली : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की. वे चीन दौरे पर कई अहम मुद्दों पर बातचीत करेंगे. उन्होंने सोमवार को चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की. एस जयशंकर की ओर से इसको लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट भी शेयर की गई है. वे तियानजिन में आयोजित होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों की बैठक में हिस्सा लेंगे. इसमें सभी सदस्य देशों के विदेश मंत्री शामिल होंगे. जयशंकर के चीन दौरे से पाकिस्तान को करारा झटका लग सकता है. चीन, पाक का करीबी दोस्त है.
एस. जयशंकर के इस दौरे से भारत-चीन के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी. उन्होंने एक्स पर लिखा, ”आज बीजिंग पहुंचने के बाद उपराष्ट्रपति हान झेंग से मिलकर खुशी हुई. उन्हें चीन की एससीओ अध्यक्षता के लिए भारत के समर्थन को लेकर जानकारी दी. द्विपक्षीय संबंधों में सुधार को लेकर भी ध्यान दिया गया.” विदेश मंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहानी पर भी प्रतिक्रिया की. उन्होंने कहा कि भारत में इसकी सराहना हुई है. इससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर 2020 में हुई गलवान घाटी झड़प के करीब पांच बाद चीन पहुंचे हैं. दोनों ही देश रिश्ते में सुधार को लेकर काम करेंगे. इस दौरान सीमा पर शांति बनाए रखने और व्यापार से जुड़े मुद्दों पर भी बातचीत होगी. इससे पाकिस्तान को दिक्कत हो सकती है. चीन और पाकिस्तान के बीच दोस्ती रही है, लेकिन अब उसका दोस्त भारत से रिश्ते ठीक करने को लेकर कदम उठा सकता है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ कई मुद्दों पर बात की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पिछले नौ महीनों में द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में हुई अच्छी प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि अब भारत और चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने की ओर ध्यान देना चाहिए. बैठक में अपने शुरुआती भाषण में जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध इस आधार आगे बढ़ सकते हैं कि भारत और चीन के बीच मतभेद विवाद में नहीं बदलना चाहिए और न ही प्रतिस्पर्धा संघर्ष का रूप लेना चाहिए. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिबंधात्मक व्यापारिक कदमों और बाधाओं से बचने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. जयशंकर का इशारा चीन की ओर से महत्वपूर्ण खनिजों के निर्यात पर रोक लगाने से था.
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन पहुंचे हैं, उनके चाइना पहुंचने के कुछ ही देर बाद चीनी विदेश मंत्री के साथ बैठक हुई. मीटिंग मं जयशंकर ने कहा ‘‘ हमारे द्विपक्षीय संबंध में इस बात की जरूरत है कि हम अपने संबंधों के सिलसिले में दूरदर्शी पहल करें.’’ उन्होंने कहा ‘‘अक्टूबर 2024 में कजान में हमारे नेताओं की बैठक के बाद से भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. हमारी ज़िम्मेदारी इस गति को बनाए रखने की है.’’
सीमा से जुड़े विवाद पर ध्यान देने की जरूरत- एस जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा ‘‘हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में बीते नौ महीने में काफी प्रगति की है. यह सीमा पर तनाव के समाधान और शांति बनाये रखने की हमारी क्षमता का परिणाम है.’’ उन्होंने कहा ‘यह पारस्परिक रणनीतिक विश्वास और द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू विकास का मूलभूत आधार है.
अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम तनाव कम करने समेत सीमा से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी ध्यान दें.’ एस जयशंकर ने कहा कि पड़ोसी देशों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में भारत-चीन संबंधों के कई पहलू और आयाम हैं. उन्होंने कहा ‘‘हमारे लोगों के बीच आदान-प्रदान को सामान्य बनाने की दिशा में उठाए गए कदम निश्चित रूप से परस्पर लाभकारी सहयोग को बढ़ावा दे सकते हैं.