‘किसान महापंचायत’: किसानों ने बनाया ‘चुनाव में सबक सिखाने का प्लान

नई दिल्ली : रामलीला मैदान में किसान आंदोलन की हुई बहुप्रतीक्षित ‘किसान मजदूर महापंचायत’ में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला गया। किसान नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने की शपथ दिलाई। मगर साफ किया कि किसी भी पार्टी की सरकार किसान हितैषी नहीं है। मांगें पूरी नहीं होने पर आगामी सरकार के खिलाफ भी आंदोलन जारी रहेगा। किसान नेताओं ने महापंचायत में कहा कि चुनाव में जनता से अपील करेंगे की वो बीजेपी ओर सहयोगी दलकों को सबक सिखाए।
किसानों की बात नहीं मान रही सरकार
संयुक्त किसान मोर्चा की बैनर तले हुई इस महापंचायत के मंच की सबसे अगली लाइन की कुर्सियों में 30 से अधिक किसान नेता बैठे हुए थे। उनमें पंजाब, हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड के किसान अधिक थे। राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों से किसान आए थे। मगर उनकी संख्या अधिक नहीं थी। काफी बड़ी संख्या में वामपंथी संगठनों के कामरेड और सहयोगी भी वहां मौजूद थे। महिला किसान भी अपने संगठन का झंडा थामे केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहीं थी। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि पुलिस ने काफी परेशान किया है, जिसकी भर्त्सना करते हैं। बीजेपी की सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है। चुनाव का समय आ रहा है। जनता से कहेंगे कि बीजेपी और सहयोगी दलों को सजा दो। उन्हें सबक सिखाओ। उनके वोट की चोट करनी होगी। इसका भी प्रस्ताव पास करेंगे।
23 तारीख को गांव के स्तर पर आंदोलन
किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहा, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, राजाराम सिंह, विजू कृष्णन, आविक शाह और राकेश टिकैत ने आंदोलन जारी रखने की घोषणा की। इस बारे में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है। 23 तारीख को गांव स्तर पर आंदोलन चलेगा। करीब 5 घंटे तक चली इस महापंचायत में मेधा पाटकर सहित सामाजिक कार्यकर्ता भी प्रमुखता से शामिल हुए थे। किसान नेताओं ने एकदम साफ किया कि वे केवल लोकसभा चुनाव के लिए इकट्ठे नहीं हुए हैं। सरकारें कॉरपोरेट सेक्टर की आ रही हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को पूंजीपतियों के गैंग की पार्टी की सरकार बताते हुए जानकारी दी की किसानों की 6 सदस्यीय कमिटी सरकार से बात कर रही है। खेती, जमीन बचाने तक आंदोलन जारी रहेगा।