उत्तराखंड में कुदरत का कहर; केदारनाथ मार्ग पर भूस्खलन
यात्रियों के लिए अलर्ट और एडवाइजरी जारी

केदारनाथ (उत्तराखंड) : उत्तराखंड के केदारनाथ नेशनल हाईवे पर गुरुवार को गुप्तकाशी के पास कुंड इलाके में एक भयावह भूस्खलन हुआ, जिसमें एक वाहन पर भारी मलबा गिरने से एक ड्राइवर की मौत हो गई और छत्तीसगढ़ के पांच श्रद्धालु घायल हो गए। यह मार्ग केदारनाथ मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, इस हादसे में टिहरी गढ़वाल के लंबगांव निवासी 38 वर्षीय ड्राइवर, राजेश सिंह रावत की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि अन्य पांच यात्री घायल हो गए। मृतक, छत्तीसगढ़ के दुर्ग से आए युवाओं को केदारनाथ ले जा रहे थे। प्रशासन ने भारी बारिश और खराब मौसम के मद्देनजर लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों की यात्रा से बचने की सलाह दी है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की हिदायत दी है।
भूस्खलन और बाढ़ का खतरा
हादसे के बाद स्टेशन डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (SDRF) और स्थानीय प्रशासन की टीम तेजी से राहत और बचाव कार्य में जुट गई। घायलों को तुरंत अगस्त्यमुनि अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी चिकित्सा की जा रही है। प्रभावित व्यक्तियों की उम्र 19 से 25 वर्ष के बीच है, जिनमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि तीन को मामूली चोटें आई हैं। बरसात के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा हमेशा बना रहता है। फिलहाल, इन इलाकों में लगातार खराब मौसम और बारिश के कारण स्थिति अस्थिरता बनी हुई है।
क्या है एडवाइजरी?
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में 1 से 4 जून को तेज बारिश के साथ वज्रपात की संभावना है, जिससे यहां येलो अलर्ट भी लागू है। ऐसे में इस दौरान इन क्षेत्रों की यात्रा करने से बचना ही बेहतर होगा।
विशेष रूप से चार धाम यात्रा, जैसे केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा से पहले मौसम की स्थिति की जानकारी प्राप्त करें और सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। मानसून के दौरान उत्तराखंड के पहाड़ी रास्ते बेहद खतरनाक हो सकते हैं, इसलिए सतर्कता बरतना आवश्यक है। प्रशासन ने पर्यटकों और श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि कुछ दिनों तक ऊंचाई वाले स्थानों की यात्रा से बचें और सतर्कता बरतें।