मोदी-मोदी के नारे से गूंजा लंदन
बिहू नृत्य-ढोल की थाप से हुआ पीएम का स्वागत

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लंदन पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान प्रवासी भारतीयों ने अपने हाथों में तिरंगा थाम रखा था और भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे. पीएम मोदी ने एक्स प्लेटफॉर्म पर कुछ तस्वीरें शेयर कर लिखा, “ब्रिटेन में भारतीय समुदाय द्वारा दिए गए गर्मजोशी भरे स्वागत से मैं अभिभूत हूं. भारत की प्रगति के प्रति उनका स्नेह और जुनून सचमुच उत्साहवर्धक है.”
प्रधानमंत्री का भारतीय समुदाय के सदस्यों ने स्वागत और अभिवादन किया. इस दौरान प्रवासी भारतीयों ने अपने हाथों में तिरंगा थाम रखा था और वे भारत माता की जय और मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे. वहीं पीएम मोदी ने हाथ जोड़कर और हाथ मिलाकर सभी का अभिवादन स्वीकार किया.
पीएम मोदी ब्रिटेन दौरे पर क्या बोले भारतीय प्रवासी
पीएम मोदी की ब्रिटेन दौरे को लेकर लंदन में रहने वाली प्रवासी सदस्य गायत्री लोकहांडे ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री से मिलने की बहुत खुशी है। मैंने उनसे पहले ओडिशा में प्रवासी भारतीय कार्यक्रम में मुलाकात की थी। यह मेरा दूसरा मौका है। उन्होंने कहा कि मैं ‘भारत को जानिए क्विज’ की विजेता हूं। हम पीएम की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ होने वाले व्यापार समझौते का इंतजार कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन दौरे के दौरान भारतीय संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी। लंदन में एक डांस ग्रुप असम का पारंपरिक बिहू नृत्य प्रस्तुत करेगा, जो पीएम मोदी के स्वागत का हिस्सा होगा। इस प्रस्तुति को लेकर कलाकारों में काफी उत्साह और गर्व देखा जा रहा है। इस डांस ग्रुप की सदस्य मधुस्मिता बोरगोहेन ने कहा कि मैं असम से हूं और पिछले 12 वर्षों से यूके में रह रही हूं। आज पीएम मोदी को सामने से देखने का मौका मिल रहा है, इससे ज्यादा खुशी मैं बयां नहीं कर सकती। आज हम बिहू नृत्य प्रस्तुत करेंगे।
वहीं इसी डांस ग्रुप की एक और सदस्य चीनू किशोर ने कहा कि मैं भी असम से हूं और पिछले 22 वर्षों से यूके में रह रही हूं। आज पीएम मोदी से आमने-सामने मिलने और असम का बिहू डांस करने का मौका मिल रहा है, यह हमारे लिए गर्व की बात है। यह सांस्कृतिक प्रस्तुति भारतीय प्रवासी समुदाय द्वारा आयोजित एक विशेष स्वागत समारोह का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पीएम मोदी का सम्मान करना और वैश्विक मंच पर भारत की समृद्ध परंपराओं को प्रदर्शित करना है।