थायराइड को कहें अलविदा!
पीड़ित लोगों के लिए 5 महत्वपूर्ण पोषक तत्व

आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत का सही तरीके से ख्याल नहीं रख पा रहे हैं.ऐसे में वे कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. खराब लाइफस्टाइल की वजह से लोगों को कई तरह की समस्याएं होने लगी हैं, जिसमें थायराइड भी शामिल है.थायराइड होने पर कई तरह की तकलीफ होती है, जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द भी हो सकती है.ऐसे में चलिए जानते हैं कि किन फलों को खाकर थायराइड को दूर कर सकते हैं.
शरीर के हर अंग का अपना अलग कार्य और महत्व होता है, और थायरॉयड ग्रंथि भी इसका अपवाद नहीं है। यह महत्वपूर्ण अंग थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन करता है जो चयापचय, रक्तचाप, शरीर के तापमान और हृदय गति को नियंत्रित करता है, जिससे शरीर में संतुलन बना रहता है। जब थायरॉयड ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती है, तो यह विभिन्न प्रणालियों, विशेष रूप से हृदय और मस्तिष्क को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है, जिससे बीमारी हो सकती है और यहां तक कि त्वचा, बाल और नाखून भी प्रभावित हो सकते हैं।
आंवला-
इसमें काफी मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है. जो बालों को झड़ने और एनर्जी लेवल को सुधारने में मदद करता है. इससे थायराइड की समस्या आसानी से कंट्रोल हो सकती है.इसे रोजाना अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए.
अनानास-
अनानास में विटामिन बी पाया जाता है जो थकान दूर करने में मदद करता है.इसमें विटामिन सी और मैंगनीज दोनों पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर की कई बीमारों से बचाता है.यह थायराइड के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है.
संतरा-
थायराइड की समस्या में संतरा काफी फायदेमंद होता है.साथ ही साथ यह इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है.इसमें विटामिन-सी और एंटी ऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पाई जाती है.इसे खाने से मुक्त कणों को बेअसर किया जाता है. जो थायरॉइड ग्रंथि में सूजन पैदा करते हैं.
सेब-
रोजाना एक सेब खाने से वजन को बढ़ने से रोका जा सकता है. यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है.इसी के साथ यह थायराइड ग्लैंड को सुधारने में मदद करता है.यह थायराइड के काफी फायदेमंद होता है.
नारियल-
नारियल थायराइड फंक्शन के लिए हेल्दी फैट है. इसे खाने में मेटाबॉलिज्म सही रहता है.कच्चा नारियल कई स्वास्थ्य लाभ देता है.इससे आप चटनी,लड्डू भी बनाकर रोजाना खा सकते हैं.
थायरॉइड विकार: हार्मोनल असंतुलन के कारण
हाइपोथायरायडिज्म (थायरॉइड हार्मोन का कम उत्पादन)
हाइपरथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन का अत्यधिक उत्पादन)
दोनों स्थितियों में थकान, वजन में महत्वपूर्ण वृद्धि या कमी जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं
(इनमें चिकित्सकीय हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है)