मायावती ने पीएम मोदी पर किया सीधा सियासी वार

निशुल्क राशन को लेकर कह दी बड़ी बात

बरेली/बदायूंः बदायूं में बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को इस्लामनगर से दो किलोमीटर दूर स्थित कंधरपुर के मैदान में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने निशुल्क राशन वितरण योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर सीधा सियासी वार किया।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने बदायूं के इस्लाम नगर में आयोजित चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा सियासी वार किया। गरीबों को दिए जा रहे राशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आपके टैक्स के रुपये से फ्री में थोड़ा सा राशन मिलता है। यह राशन, मोदी या भाजपा की की जेब से नहीं मिलता। इसलिए जब भाजपा और आरएसएस के लोग आएं और नमक का कर्ज याद दिलाएं तो आप उनके बहकावे में न आएं।

मायावती ने सोमवार को बदायूं, संभल और आंवला लोकसभा क्षेत्र के बसपा उम्मीदवारों के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वह खासकर गरीब जनता से कहना चाहती हैं कि पिछले कुछ समय से अति गरीब परिवारों को अस्थायी तौर पर फ्री में जो थोड़ी सी खाद्य सामग्री दी जा रही है, उससे स्थायी तौर पर भला होने वाला नहीं है लेकिन जब जब चुनाव आते हैं भाजपा और आरएसएस के लोग खासकर गरीब बस्तियों में जाते हैं और कहते हैं कि भाजपा और नरेंद्र मोदी ने आप लोगों को खाने के लिए फ्री में राशन दिया है। ये कर्ज तो अदा करना ही है। लेकिन उनके बहकावे में नहीं आना है।

‘‘मोदी की जेब से नहीं दिया जा रहा राशन’’
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि आपको जो फ्री में थोड़ी बहुत खाद्य सामग्री दी जा रही है, ये मोदी या भाजपा की जेब से नहीं दी जा रही है बल्कि आप लोग जो टैक्स देते हैं। उस टैक्स के पैसे से खाद्य सामग्री मिलती है। यह नहीं सोचना है कि हमने नमक खाया है इनका। ये तो आपका अपना ही नमक है। जो टैक्स के पैसे से आया है। वैसे भी गरीब लोगों की जटिल समस्या देश में हर हाथ को काम देने से हल होगी।

मायावती ने कहा कि गलत नीतियों की वजह से कांग्रेस के सत्ता से हटी थी तो पिछले कुछ वर्षों से भाजपा और इनके सहयोगी दल केंद्र एवं काफी राज्यों की सत्ता में काबिज हैं लेकिन इनकी ज्यादातर जातिवादी, पूंजीवादी व द्वेषपूर्ण नीतियों व कथनी व करनी में अंतर होने की वजह से अब लगता है कि इस बार भाजपा भी केंद्र की सत्ता में आसानी से वापस आने वाली नहीं है। इस बार चुनाव में भाजपा की नाटकबाजी, जुमलेबाजी और कागजी गारंटी काम में आने वाली नहीं है।

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