मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक

जैव प्रौद्योगिकी परिषद से जुड़े मामले में बड़ी स्वीकृति

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में कुल छह अहम मामलों पर मुहर लगी। इन प्रस्तावों में कृषि, खनन, पर्यावरण, स्वास्थ्य शिक्षा, महिला एवं बाल विकास से जुड़े अहम निर्णय लिए गए।

बैठक में जैव प्रौद्योगिकी परिषद से जुड़े मामले में कैबिनेट ने बड़ी स्वीकृति दी। परिषद के दो केंद्रों में पहले से सृजित 46 पदों के संचालन के लिए नियमावली को मंजूरी दे दी गई। वहीं, हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत खनन विभाग में 18 नए पदों को सृजित करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।

पर्यावरण से जुड़े अहम फैसले में कैबिनेट ने आसन बैराज की दोनों ओर के क्षेत्र को ‘वेटलैंड जोन’ के रूप में घोषित करने को मंजूरी दे दी। आसन नदी के इस हिस्से की कुल लंबाई 53 किमी है। पहले इस पर आपत्तियां मांगी गई थीं, जिन्हें दूर करने के बाद यह निर्णय लिया गया है।

इसके अलावा देहरादून की रिस्पना और बिंदाल नदियों के फ्लड जोन क्षेत्र में एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट), मोबाइल टावर, रोपवे टावर और एलीवेटेड रोड निर्माण जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण को स्वीकृति दी गई है।

कैबिनेट द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय
1 –  कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग के अन्तर्गत स्वायत्तशासी राज्य अनुदानित संस्था उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के संशोधित विभागीय संरचना/ढांचे के सम्बन्ध में निर्णय। उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद् के गठन के पश्चात् न्यूनतम आवश्यकता के आधार पर पूर्व में परिषद् के हल्दी, पंतनगर स्थित मुख्यालय हेतु 34 पद एवं एडवांस सेन्टर फॉर कम्प्यूटेशनल एण्ड एप्लाईड बॉयोटेक्नोलॉजी, परिषद् के स्वीकृत विभागीय संरचना/ढांचे में पदों की संख्या में परिवर्तन किए बिना विभागीय संरचना/ढांचे में मुख्यालय एवं देहरादून सेन्टर/अन्य सेन्टर हेतु समस्त पदों को एकीकृत (एकल संवर्ग) रूप में रखे जाने एवं भर्ती के स्रोत में परिवर्तन किये जाने का कैबिनेट द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

2 – भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के संरचनात्मक ढांचे में लिया गया निर्णय। उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड द्वारा जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान दिये गये निर्देशों के समादर में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के ढांचे में विभागीय आवश्यकतानुसार पर्याप्त कार्मिकों की उपलब्धता कराये जाने हेतु अतिरिक्त पदों के सृजन को कैबिनेट ने दी मंजूरी। इस प्रकार से कुल 18 पदों को बढ़ाया गया है।

3 – उत्तराखण्ड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम, 2012 के प्राविधानानुसार जनपद देहरादून के तहसील सदर एवं विकासनगर के अंतर्गत आसन नदी के प्रारम्भिक बिन्दु भट्टा फॉल से आसन बैराज (कुल लगभग 53.00 किमी0 लम्बाई) तक आसन नदी के दोनों तटों पर बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण की अधिसूचना के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।

4 – लोक निर्माण विभाग, उत्तराखण्ड के चयनित 05 निरीक्षण भवनो का पी०पी०पी० माध्यम से संचालन द्वारा मुद्रीकरण किये जाने का कार्य यू०आई०आई०डी०बी को आवंटित किये जाने का निर्णय। लोक निर्माण विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत स्थापित विभिन्न निरीक्षण भवनों/गेस्ट हाउस में से प्रथम चरण के अन्तर्गत 05 चयनित निरीक्षण भवनों (रानीखेत, उत्तरकाशी, दुग्गलबिट्टा, हर्षिल व ऋषिकेश) को पी०पी०पी० मोड में संचालित करते हुये उनका मुद्रीकरण का कार्य यू०आई०आई०डी०बी द्वारा किये जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल द्वारा इस प्रतिबंध के साथ अनुमोदन प्रदान किया गया कि उक्त निरीक्षण भवनो से संबधित भूमि का स्वामित्व लोक निर्माण विभाग के पास रहेगा।

5 – वर्तमान में राज्य में परा-चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों हेतु उत्तराखण्ड पराचिकित्सा अधिनियम, 2009 एवं परा-चिकित्सा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों हेतु स्टेट मेडिकल फैकल्टी के प्राविधान प्रभावी हैं, के अन्तर्गत विभिन्न 22 पराचिकित्सा विधाओं में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का पंजीकरण किया जाता है। देश में सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देख-रेख व्यवसायियों हेतु शिक्षा और सेवाओं के मानकों को विनियमित करने, आचार संहिता, प्रवेश परीक्षाएं, पाठ्यक्रम मानकीकरण, पंजीकरण के मानकों में एकरूपता लाने, अन्तर्राज्यीय पंजीकरण को सरल एवं सुलभ बनाये जाने तथा कुल 10 श्रेणियों में समूहीकृत 56 व्यवसायी उपाधियों को मान्यता प्रदान किये जाने हेतु राष्ट्रीय सहबद्ध और स्वास्थ्य देख-रेख का कैबिनेट द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

6-  मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि (कॉर्पस फण्ड) के क्रियान्वयन के संबंध में लिया गया निर्णय। कैबिनेट द्वारा मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि (कॉर्पस फण्ड) सम्बन्धी नियमावली के अन्तर्गत विभाग को प्राप्त विदेशी मदिरा/बियर पर उपकर (सैस) की धनराशि को कॉर्पस फण्ड के रूप में विभागान्तर्गत संचालित उत्तराखण्ड महिला एवं बाल विकास समिति के माध्यम से संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया है।

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