UPA सरकार द्वारा हिंदू आतंकवाद थ्योरी को सही ठहराने के लिए मुंबई ATS ने मुझे इस मामले में झूठा फँसाया था!

मेजर रमेश उपाध्याय ने कोर्ट को दिए गए बयान

मुंबई: 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपी रमेश उपाध्याय ने मंगलवार को बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने अपने हिंदू आतंकवाद सिद्धांत को सही ठहराने के लिए महाराष्ट्र एटीएस से उन्हें फंसवाया था। विशेष एनआईए अदालत के समक्ष उपाध्याय ने दावा किया कि मैं निर्दोष हैं। विस्फोट से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। यूपीए सरकार के दबाव में मुझे गलत तरीके से फंसाया गया है।

उपाध्याय ने अदालत में आगे बताया कि एटीएस ने शारीरिक और मानसिक तौर पर उन्हें खूब प्रताड़ित किया। उन्होंने कहा कि मेरे मकान मालिक को धमकाया गया कि मुझे घर किराए में देकर आंतकी को शरण क्यों दी हुई है। मेरी पत्नी को नग्न घुमाने की धमकी दी गई। मेरी बेटी के साथ दुष्कर्म की धमकी दी गई। मेरे बेटे को पीटने और उसका जबड़ा तोड़ने की धमकी दी गई। मुझ पर दबाव बनाया गया कि मैं या तो जुर्म कुबूल कर लूं या फिर किसी और को फंसा दूं लेकिन मैंने मना कर दिया। इसलिए दिवाली की रात मुझे उठा लिया गया और नासिक में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया।

पारिवारिक जीवन बर्बाद हो गया
उपाध्याय ने अदालत में मजिस्ट्रेट को यातनाओं के निशान दिखाए। जांच में सहयोग की सहमति व्यक्त की और नार्को टेस्ट के लिए भी सहमति व्यक्त की। मुझे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से खूब तड़पाया गया। मेरा पूरा पारिवारिक जीवन बर्बाद हो गया।

मालेगाँव बम धमाका मामले में मुकदमे का सामना करने वाले मेजर रमेश उपाध्याय ने कहा है कि उन्हें कॉन्ग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार ने फँसाया था। उन्होंने कोर्ट को दिए गए एक बयान में बताया है कि UPA सरकार ने हिन्दू आतंकवाद को सच साबित करने के लिए ATS पर दबाव डाला था। मेजर उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि ATS ने उनके साथ बर्बरता की और उनकी पत्नी को नंगा घुमाने और बेटी के रेप तक की धमकी दी।

मेजर रमेश उपाध्याय ने कोर्ट को दिए गए बयान में बताया, “मैं पूरी तरह से निर्दोष हूँ, ATS पर केंद्र और राज्य की UPA सरकार द्वारा हिंदू आतंकवाद थ्योरी को सही ठहराने के लिए राजनीतिक दबाव डाला गया था, इसके कारण मुंबई ATS ने मुझे मालेगाँव धमाका मामले में झूठा फँसाया था।”

उन्होंने कोर्ट को बताया है कि ATS ने 24 अक्टूबर, 2008 को उन्हें उनके घर से ATS ने उठा लिया था। उन्होंने बताया कि उनके घर की तलाशी भी ली गई थी लेकिन वहाँ कुछ नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि ATS मुंबई ने उन्हें उठाने के बाद बुरी तरीके से मारा, उनको यातनाएँ दी और उन पर दबाव डाला कि वह मालेगाँव धमाका मामले में जबरदस्ती गुनाह कबूल करें।

मालेगाँव मामले में सच्चाई बाहर लाने के लिए ATS ने मेजर उपाध्याय का पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट भी करवाया गया था। मेजर उपाध्याय ने आरोप लगाया कि जब इन टेस्ट में उन्हें क्लीन चिट मिल गई तो इसकी रिपोर्ट ATS ने दबा दी और कोर्ट के सामने प्रस्तुत नहीं की। मेजर उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने बाद में यह रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखीं।

उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि पुलिस कमिश्नर सुखविंदर सिंह ने तमाम सादे कागजों पर दस्तखत करवाए और उनको एक बयान पढवा कर कैमरे पर रिकॉर्ड किया। मेजर ने आरोप लगाया कि सुखविंदर सिंह ने पहले उन्हें छोड़े जाने और उनके खिलाफ सबूत ना होने की बात कही और बाद में उन पर MCOCA लगाने की बात की।

मेजर उपाध्याय ने कहा है कि NIA चार्जशीट के कारण उन्हें काफी राहत मिली थी। उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ पेश किए गए सारे सबूत फर्जी हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह सारे फर्जी सबूत ATS ने बनाए थे ताकि उनके राजनीतिक मास्टरों के हित साधे जा सकें। उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि उन लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाए जिन्होंने उन्हें प्रताड़ित किया।

गौरतलब है कि पहले मालेगाँव धमाका में मुकदमे का सामना करने वाले कर्नल पुरोहित ने भी ऐसे ही आरोप ATS पर लगाए थे। उन्होंने हाल ही में कोर्ट को दिए गए एक बयान में बताया था कि उनको लगातार इस बात के लिए मारापीटा जाता था कि वह RSS-VHP नेताओं का नाम लें। उन पर तत्कालीन भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ को भी इस मामले में फँसाने का दबाव भी डाला गया था। उनके साथ भी ATS ने बर्बरता की थी और उनका घुटना तोड़ दिया था।

जिस मालेगाँव धमाका मामले में मेजर उपाध्याय और कर्नल पुरोहित समेत कई हिन्दुओं को आरोपित बनाया गया था वह 29 सितम्बर, 2008 को महाराष्ट्र के मालेगाँव में हुआ था। इसमें 6 लोगों की मौत हुई थी और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। इस धमाके के बाद कॉन्ग्रेस नेताओं ने हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी को हवा देना चालू किया था। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा को भी आरोपित बनाया गया था और टॉर्चर किया गया था लेकिन उन्हें बाद में क्लीनचिट मिल गई थी।

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