अब कानपुर में होगे सेना के लिए आधुनिक ड्रोन के निर्माण

भारत-पाक के बीच तनाव के बाद भविष्य में बढ़ेगी ड्रोन की डिमांड!

कानपुर (UP) : रूस-यूक्रेन के बीच हुए युद्ध और हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए तनाव के दौरान ड्रोन से हमले किए गए। भविष्य में ड्रोन सेना की मांग बढ़ने की संभावना देख अब आयुध निर्माणी ने ड्रोन के बाजार में उतरने का फैसला लिया है। रक्षा मंत्रालय के पीएसयू ने ट्रूप कंफर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल) की इकाई ओईएफ (आयुध उपस्कर निर्माणी), हजरतपुर (फीरोजाबाद) के विशेषज्ञ लाजिस्टिक, सर्विलांस, माइक्रो ड्रोन सहित अन्य श्रेणी के ड्रोन उत्पादन के लिए पूरी तरह से तैयार है।

ओईएफ के महाप्रबंधक अमित सिंह व उनकी टीम में शामिल विशेषज्ञों ने पिछले तीन साल से विभिन्न श्रेणियों में ड्रोन के अनुसंधान व विकास कार्य किए। परीक्षण के तौर पर सेना को ड्रोन दिए गए। ये ड्रोन परीक्षण के दौरान लेह-लद्दाख और सियाचिन जैसे दुर्गम क्षेत्रों में आपात स्थिति में दिन व रात के समय लक्ष्य तक 20 किलो से अधिक तक का सामान आसानी से पहुंचाने में सफल रहे।

वर्तमान में सेना कारगिल क्षेत्र में 19 हाई एल्टीट्यूट लाजिस्टिक ड्रोन का उपयोग कर रही है। बार्डर पर दुश्मनों की हर गतिविधि को बारीकी से कैद करने में सक्षम सर्विलांस ड्रोन भी बनाया गया। अब वर्तमान में टीसीएल कंपनी के कानपुर स्थित मुख्यालय के सीएमडी सुनील दाते के निर्देशन में ओईएफ के महाप्रबंधक और विशेषज्ञ ड्रोन प्रोजेक्ट पर अनुसंधान कार्य को गति दिए हैं। वहीं, टीसीएल के अधिकारियों की रक्षा मंत्रालय के उच्चाधिकारियों के साथ ड्रोन आपूर्ति के लिए वार्ता चल रही है।

ओईएफ के पास है 40 किमी के दायरे में निगरानी करने वाला ड्रोन
सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ के जवान पंजाब सीमा पर सर्विलांस ड्रोन के जरिये 40 किमी के दायरे में दिन और रात में निगरानी कर सकेंगे। ये ड्रोन पंजाब की सीमा से होने वाली आतंकी गतिविधि व ड्रग्स की तस्करी करने वालों की धरपकड़ में मददगार है। ओईएफ, हजरतपुर में इंजीनियरों ने विशेष प्रकार के सर्विलांस ड्रोन पर अनुसंधान व विकास का काम पूरा कर लिया है। नियंत्रण रेखा से सटे पुंछ जिले में सर्विलांस ड्रोन का सफल परीक्षण भी हो चुका है।

आगामी समय में सेना में ड्रोन की मांग बढ़ेगी। ड्रोन बाजार में उतरने के लिए ओईएफ हजरतपुर पूरी तरह से तैयार है। यहां सेना के लिए हर क्षेत्र में मददगार ड्रोन पर अनुसंधान व विकास का कार्य हो रहा है। विशेषज्ञ लाजिस्टिक, सर्विलांस, माइक्रो ड्रोन बनाने के बाद अब ड्रोन माउंटेड वेपन्स बनाने पर काम कर रहे हैं। पूरी उम्मीद है कि जल्द ही ड्रोन बाजार में हजरतपुर की आयुध निर्माणी अग्रणी संस्थान बनेगा।- एचएल कुमावत, डीजीएम, ओईएफ, हजरतपुर।

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