अग्नि-5 मिसाइल की ताकत से पाकिस्तान और चीन के होश उड़े

इस्‍लामाबाद: भारत के अग्नि-5 परमाणु मिसाइल के टेस्‍ट से जहां चीन के होश उड़े हुए हैं, वहीं पाकिस्‍तान की सरकार ने भी 3 दिन तक चुप्‍पी साधे रखा। अब पाकिस्‍तान सरकार की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने भारत के 11 मार्च को किए गए मिसाइल टेस्‍ट पर संज्ञान लिया है। इस टेस्‍ट के बारे में एडवांस में सूचना दी गई थी लेकिन 3 दिन के टाइमलाइन का पालन नहीं किया गया। पाकिस्‍तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने भारत से कहा है कि वह उन शर्तों का पालन करे जिस पर सहमत‍ि बनी थी। आपको बता दें कि भारत और पाकिस्‍तान दोनों ही पिछले कई सालों से एक-दूसरे को मिसाइल टेस्‍ट की अग्रिम सूचना देते हैं।

इससे पहले भारत ने एमआईआरवी तकनीक से लैस अग्नि-5 मिसाइल का पहली बार सफल टेस्‍ट किया था। इसके साथ ही भारत दुनिया के उन देशों की सूची में शामिल हो गया था जिनके पास यह खास तकनीक है। इस तकनीक से लैस एक मिसाइल में कई परमाणु बमों को फिट किया जा सकता है। इस तकनीक की वजह से अग्नि-5 मिसाइल को दुश्‍मन के बलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम से मार गिराना बहुत ही कठिन होगा। यही नहीं इस मिसाइल में कई ऐसे डमी पेलोड भी लगाए जा सकते हैं जो दुश्‍मन की किलर मिसाइलों को चकमा दे सकते हैं।

भारत ने चाइना किलर कही जाने वाली अपनी अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण कर दुनिया को बड़ा संदेश दिया है। पांच हजार किमी से ज्‍यादा रेंज वाली अग्नि-5 मिसाइल भारत की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है। इस मिसाइल में पहली बार एमआईआरवी तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया जो सफल रहा। भारत के इस मिसाइल टेस्‍ट की भनक चीन को काफी पहले ही लग गई थी और माना जा रहा है कि इसी वजह से उसने अपने दो जासूसी जहाजों को हिंद महासागर में भेज दिया था। चीन का एक जासूसी जहाज शियांग यांग होंग 01 तो बंगाल की खाड़ी में डेरा डाले हुए है। यह कथित शोध जहाज विशाखापत्‍तनम से कुछ समुद्री मील की दूरी पर अंतरराष्‍ट्रीय जलक्षेत्र में मौजूद है। दरअसल, भारत ने एक और मिसाइल के परीक्षण की तैयारी कर रखी है और इसकी ताकत से चीन सतर्क हो गया है।

पाकिस्‍तान ने भी किया था एमआईआरवी तकनीक का दावा
माना जा रहा है कि भारत ने इस मिसाइल को चीन और पाकिस्‍तान को ध्‍यान में रखकर बनाया है। यह मिसाइल 5000 से ज्‍यादा किमी की दूरी तक तबाही मचाने में सक्षम है। इससे पहले साल 2017 में पाकिस्‍तान ने अबाबील मिसाइल का टेस्‍ट किया था और दावा किया था कि यह मिसाइल एमआईआरवी तकनीक से लैस है। हालांकि पाकिस्‍तान इस दावे की स्‍वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर एमआरआईवी तकनीक से लैस मिसाइल को परमाणु सबमरीन के अंदर लगा दिया तो इसे खोज पाना और उसे मार गिरा पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button