कानपुर के लोगों को जल्द ही मिलेगी लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में चल रही तैयारी

कानपुर : जीएसवीएम मं सबसे पहले शुरुआत कार्निया प्रत्यारोपण के क्षेत्र में की गई थी। साथ ही अब गुर्दा ट्रांसप्लांट सेंटर की अनुमति मिल गई है। जल्दी ही गुर्दा ट्रांसप्लांट मल्टी सुपर स्पेशियलिटी एंड पीजीआई के गुर्दा रोग विभाग में शुरू कर दिया जाएगा। एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में हार्ट ट्रांसप्लांट सेंटर की तैयारी पूरी है।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू करने की भी तैयारी है। अस्पतालों में कुछ संसाधन हैं, कुछ का इंतजाम करने में एक साल लग जाएगा। अगले साल से लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर भी शुरू करने की योजना है। इस तरह जीएसवीएम प्रदेश का पहला मेडिकल होगा, जहां चार अंगों का प्रत्यारोपण किया जा सकेगा।

डॉ. काला ने बताया कि सबसे पहले शुरुआत कार्निया प्रत्यारोपण के क्षेत्र में की गई थी। इस समय अस्पताल में कार्निया बैंक भी संचालित किया जा रहा है। साथ ही अब गुर्दा ट्रांसप्लांट सेंटर की अनुमति मिल गई है। जल्दी ही गुर्दा ट्रांसप्लांट मल्टी सुपर स्पेशियलिटी एंड पीजीआई के गुर्दा रोग विभाग में शुरू कर दिया जाएगा। एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में हार्ट ट्रांसप्लांट सेंटर की तैयारी पूरी है। उपकरण उपलब्ध हैं। सेंटर के लिए लाइसेंस मिलते ही हृदय प्रत्यारोपण होने लगेगा।

लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर अगले साल खुलेगा
उन्होंने बताया कि ब्रेन स्टेम डेथ कमेटी का गठन हो गया है। ब्रेड डेड रोगियों के जो अंग दान में मिलेंगे, उनमें लिवर भी होगा। इससे लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर भी खोलने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए हेपिटोलॉजिस्ट विशेषज्ञ की नियुक्ति हो गई है।

इसके साथ ही सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में गैस्ट्रो सर्जरी विभाग भी है। कुछ संसाधन पहले से उपलब्ध हैं, जिनकी जरूरत है, उनका भी इंतजाम किया जा रहा है। गुर्दा और हृदय प्रत्यारोपण सेंटर इसी साल शुरू हो जाएंगे। लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर अगले साल खुलेगा।

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