95 वर्ष की उम्र में श्री स्वामी स्मरणानंद महाराज का निधन, PM मोदी ने जताया दुख

कोलकाता: रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के 16वें अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंदजी महाराज का मंगलवार को निधन हो गया. उन्होंने 95 की उम्र में आखिरी सांस ली. बता दें 90 से ज्यादा उम्र से संबंधित एक बीमारी में महाराज जी का कोलकाता के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. न्यूरोलॉजी और अन्य विभागों के डॉक्टरों ने उन्हें नियमित निगरानी में रखा लेकिन सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल के बावजूद पिछले कुछ दिनों में उनकी हालत बिगड़ गई और आज उनका निधन हो गया. स्वामी स्मरणानंद महाराज के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने गहरी और हार्दिक संवेदना व्यक्त की है.

PM मोदी ने जताया दुख
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर लिखा, ‘रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के श्रद्धेय अध्यक्ष श्रीमत स्वामी स्मरणानंद जी महाराज ने अपना जीवन आध्यात्मिकता और सेवा के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने अनगिनत दिलों और दिमागों पर एक अमिट छाप छोड़ी है. उनकी करुणा और बुद्धिमत्ता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी.’ पीएम मोदी ने आगे लिखा, सालों से मेरा उनसे बहुत घनिष्ठ संबंध रहा है. मुझे 2020 में बेलूर मठ की अपनी यात्रा याद है जब मैंने उनसे बातचीत की थी. कुछ हफ्ते पहले कोलकाता में भी मैंने अस्पताल जाकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी. मेरी संवेदनाएं बेलूर मठ के अनगिनत भक्तों के साथ हैं…शांति।

प्रधानमंत्री के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा, रामकृष्ण मठ के श्रीमत स्वामी स्मरणानंद जी महाराज एक आध्यात्मिक दिग्गज थे. जिनके विद्वतापूर्ण ज्ञान ने मन को आत्मज्ञान से प्रज्वलित किया और जिनकी दयालु उपस्थिति दिलों को दिव्य आनंद से भर सकती थी. महाराज जी की अनुपस्थिति एक खालीपन छोड़ गई है जिसे भरना मुश्किल होगा…लेकिन उनके ज्ञान की विरासत हमारा मार्गदर्शक बनी रहेगी. मेरी संवेदनाएं उनके अनगिनत अनुयायियों के साथ हैं.

सीएम ममता ने ‘X’ पर क्या कहा?
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भी महाराज जी के निधन पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने ‘X’ पर कहा, कि रामकृष्ण मठ और मिशन के श्रद्धेय अध्यक्ष, श्रीमत स्वामी स्मरणानंदजी महाराज के आज रात निधन की खबर से गहरा दुख हुआ. इस महान भिक्षु ने अपने जीवनकाल के दौरान रामकृष्णवादियों की विश्व व्यवस्था को आध्यात्मिक नेतृत्व दिया है और दुनिया भर में लाखों भक्तों के लिए सांत्वना का स्रोत बने हुए हैं. मैं उनके सभी साथी भिक्षुओं, अनुयायियों और भक्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं.

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