यूक्रेन के राष्ट्रपति ने की पीएम नरेंद्र मोदी से बात, पीएम मोदी ने भी से की चर्चा
जेलेंस्की ने भारत के पीएम का जताया है आभार

कीव (यूक्रेन)ः यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। जेलेंस्की ने बुधवार शाम को खुद इसकी जानकारी एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री से बात करते हुए उनको यूक्रेन की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, मानवीय सहायता और शांति फॉर्मूला बैठकों में सक्रिय भागीदारी के लिए भारत के समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त किया है। जेलेंस्की ने शांति के रास्ते पर बढ़ने को लेकर भी पीएम मोदी से चर्चा की है। यूक्रेन और रूस इस समय युद्ध में उलझे हैं और बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने दोनों देश के नेताओं से बात की है।
जेलेंस्की ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा, ष्हमारे लिए भारत को शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेते देखना महत्वपूर्ण होगा, जिसकी तैयारी इस समय स्विट्जरलैंड में की जा रही है। हमने पीएम नरेंद्र मोदी से अपने द्विपक्षीय संबंधों के विकास पर चर्चा की, जिसमें निकट भविष्य में हमारी टीमों की एक बैठक और नई दिल्ली में सहयोग पर अंतर सरकारी आयोग का एक सत्र शामिल होना चाहिए। यूक्रेन भारत के साथ हमारे व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में रुचि रखता है, विशेष रूप से कृषि निर्यात, विमानन सहयोग और फार्मास्युटिकल और औद्योगिक उत्पाद व्यापार में। यूक्रेन भी भारतीय छात्रों का यूक्रेनी शैक्षणिक संस्थानों में वापस स्वागत करना चाहता है।
पुतिन से भी हुई है पीएम नरेंद्र मोदी की बातचीत
पीएम मोदी ने बुधवार को ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी फोन पर बातचीत की है। नरेंद्र मोदी ने व्लादिमीर पुतिन को रूस के राष्ट्रपति चुनाव में जीत पर बधाई दी और कई अहम अंतरराष्ट्रीय एजेंडे केमुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। इस बातचीत में यूक्रेन और रूस में चल रही लड़ाई अहम विषय थी। दोनों नेताओं ने यूक्रेन-रूस युद्ध की स्थिति के संदर्भ में चर्चा की।
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा भी इस महीने के अंत में भारत यात्रा पर आ रहे हैं। उनकी यह यात्रा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के अपने यूक्रेन के टॉप अफसर एंड्री यरमक से फोन पर हुई बातचीत के कुछ दिनों बाद होने वाली है। यरमक ने डोभाल के साथ बातचीत में एक स्थायी और न्यायपूर्ण शांति के लिए संयुक्त योजना पर चर्चा की थी। उन्होंने इसके लिए सभी राजनयिक अवसरों के उपयोग करने पर जोर दिया था। कहा जा रहा है कि वह रूस के साथ लड़ाई रोकने के लिए कूटनीतिक समाधान तलाशने में जुटा हुआ है।