प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिल गेट्स को समझाया ग्रीन जीडीपी के सिद्धांत का आइडिया

G20 से लेकर जलवायु और रोजगार तक…कई मुद्दों पर हुई इंटरव्यू में चर्चा

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स ने जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने, महिलाओं के सशक्तीकरण, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) सहित तमाम महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक बातचीत की। दोनों ने प्रौद्योगिकी की साझेदारी, सततता और वैश्विक स्तर पर सामाजिक प्रगति के साथ भारत में डिजिटल प्रगति का उल्लेख किया।

बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें तकनीक अहम भूमिका निभा सकती है। उन्होंने भारत में डिजिटल विभाजन की भरपाई करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि सभी के लिए तकनीक की सुविधा मुहैया कराना उनका मकसद है। खासकर उन्होंने कहा कि सर्वाइकल कैंसर रिसर्च और लड़कियों के टीकाकरण जैसे मसलों पर ध्यान दिया जाएगा।

पिछले साल भारत द्वारा जी20 की सफल अध्यक्षता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने जी20 के पहले गंभीर बातचीत की और जैसा कि आपने देखा कि सम्मेलन की कार्यवाही ने कई मोड़ लिए। मेरा मानना है कि अब हम जी20 के प्रमुख मकसद व उद्देश्यों के मुताबिक हैं और उसे मुख्यधारा में ला रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि प्रथम दृष्टया आपकी भी ऐसी ही धारणा बनी होगी।’

उन्होंने कहा, ‘इंडोनेशिया में जी20 सम्मेलन के दौरान पूरी दुनिया के प्रतिनिधियों ने देश में डिजिटल क्रांति को लेकर अपनी जिज्ञासा दिखाई थी। मैंने उनसे कहा कि हमने तकनीक का लोकतंत्रीकरण किया है, जिससे एकाधिकार से बचा जा सके।’

बिल गेट्स ने तकनीक, खाकर एआई में नवोन्मेष को लेकर भारत की प्रगति की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘भारत न केवल तकनीक को अपना रहा है, बल्कि वह नेतृत्व कर रहा है।’उन्होंने कहा कि देश ने ‘डिजिटल सरकार’ स्वीकार कर लिया है।

गेट्स ने कहा, ‘जी20 ने वास्तव में डिजिटल नवोन्मेष जैसी चीजों को बढ़ावा दिया। इसमें यह सामने आया कि सिर्फ उत्तर के देशों से संवाद करने की बजाय दक्षिण-दक्षिण सहयोग ज्यादा प्रभावी हो सकता है। हमारा फाउंडेशन भारत में आपके द्वारा हासिल किए गए परिणामों से उत्साहित है और हम इसे अन्य देशों में ले जाने में भागीदार बनेंगे।’

जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि दुनिया को विकास को परिभाषित करने के लिए बिजली या इस्पात जैसे मानकों को बदलने की जरूरत है क्योंकि यह जलवायु विरोधी है और इसके बजाय हरित जीडीपी और हरित रोजगार जैसी शब्दावली को अपनाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘ग्रीन जीडीपी’ वाला आइडिया बिल गेट्स को बड़ा पसंद आया. माइक्रोसॉफ्ट फाउंडर के साथ बातचीत में मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने का रोडमैप पेश किया. मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया को ग्रीन जीडीपी के सिद्धांत को विकसित करने की जरूरत है. पीएम ने कहा, ‘देशों को टर्मिनोलॉजी बदलनी होगी. यह देखना होगा कि उनकी जीडीपी में ग्रीन जीडीपी कितनी है, टोटल रोजगार में ग्रीन रोजगार कितने हैं.’

गेट्स को समझाते हुए मोदी ने आगे कहा, ‘समस्या का समाधान हो सकता है… लेकिन अगर मैं ये कहूं कि मैं तो जितना उपयोग करता हूं, करूंगा… मैं तो इतनी बिजली उपयोग करूंगा… इतना पानी बर्बाद करूंगा…’ पीएम मोदी ने जिक्र तो नहीं किया लेकिन भारत इस चुनौती से निपटने में दुनिया को लीड कर रहा है. नवंबर 2021 में ग्‍लासगो COP26 के मंच से पीएम मोदी ने ही घोषणा की थी कि भारत 2070 तक ‘नेट जीरो’ का लक्ष्य हासिल कर लेगा. यानी हम ग्रीनहाउस गैसों में कमी का बैलेंस बना लेंगे. ग्रीन जीडीपी उसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए है. पीएम मोदी ने बिल गेट्स को 2070 वाले प्लान की झलक भर दिखाई है. आइए आपको उसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

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