बांके बिहारी कॉरिडोर निर्माण का प्रस्ताव पास
मथुरा नगर-निगम की बैठक में जबरदस्त हंगामा

मथुरा : नगर निगम की परिचयात्मक बैठक में बांकेबिहारी गलियारा के निर्माण को समर्थन दिए जाने के प्रस्ताव को विरोध, धक्कामुक्की के बीच सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। वृंदावन के वार्ड 69 रतन छतरी के कांग्रेस पार्षद ने अपनी बात रखी। तेज आवाज में बात रखने का तरीका देख अन्य पार्षदों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। इसको लेकर विवाद और धक्कामुक्की हो गई।
बांकेबिहारी गलियारे के निर्माण को लेकर नगर विकास विभाग ने नगर निगम को गलियारा निर्माण को समर्थन संबंधी प्रस्ताव पास कराने के निर्देश जारी किए। इसके तहत सोमवार को मसानी हाईवे लिंक रोड स्थित एक होटली में नगर आयुक्त जग प्रवेश की परिचयात्मक बैठक बुलाई।
दोपहर 12.30 बजे महापौर व नगर आयुक्त यहां पहुंचे। एक-एक कर सभी पार्षदों ने अपना परिचय दिया। इसके बाद नगर आयुक्त ने कहा, हम सबके आराध्य बांकेबिहारी के गलियारा को लेकर मथुरा सुर्खियों में छाया हुआ है। ये गलियारा नगर निगम क्षेत्र में बनना है, ऐसे में हम सभी भी इस ओर अपना योगदान दें।
महापौर ने नगर आयुक्त के जलभराव से निजात के बेहतर प्रयास की चर्चा की। कहा, स्वच्छता में मथुरा इंदौर व बड़ौदा भले ही न हो, लेकिन अन्य नगर निगम से काफी बेहतर है। कहा, बांकेबिहारी सभी के आराध्य हैं, ऐसे में विशेष पर्व पर वृंदावन में दर्शन करने वालों की संख्या लाखों में पहुंच रही है।
इसके बाद उन्होंने बांकेबिहारी मंदिर पर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं एवं आसपास के लोगों की पीड़ा को सामने रखा। बताया, भीड़ अधिक होने पर बांकेबिहारी क्षेत्र में किसी की मृत्यु होने पर शवयात्रा निकालना मुश्किल होता है। बीमार व्यक्ति को भी समय पर डाक्टर तक ले जाना कष्टदायी होता है। आसपास के भवन स्वामी घरों में कैद हो जाते हैं। इसकी वजह केवल श्रद्धालुओं की भीड़ का दबाव है।
वर्ष 2022 में जन्माष्टमी पर मंदिर के समीप हादसे में श्रद्धालुओं की जान तक चली गईं। यहां आने वाले तमाम श्रद्धालु भीड़ को देख बच्चे व बुजुर्ग तक को आराध्य के दर्शन नहीं करा पाते। तमाम लोग बिना दर्शन के वापस लौटते हैं। भीड़ के कारण दुकानदारों का भी व्यवसाय प्रभावित होता है। इन सबको ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बांकेबिहारी गलियारा बनाने के आदेश दिए हैं।
शासन एवं प्रशासन ने इस ओर काम शुरू कर दिया है। लेकिन, गोस्वामी हों या फिर स्थानीय लोग, सभी में इसको लेकर भ्रांतियां बनी हैं। इसको लेकर वे विरोध कर रहे हैं। काशी का विश्वनाथ मंदिर हो या उज्जैन का महाकालेश्वर, वहां गलियारा के बाद क्षेत्र की अर्थव्यवस्था कई गुणा बढ़ी है। सरकार ने किसी व्यवस्था में बदलाव नहीं किया है, आज वहां कारोबार ऊंचाई छू रहा है।
उन्होंने कहा, गलियारा से किसी का अहित नहीं होगा। पता चला है गोस्वामी बिहारीपुरा में ही आवास चाहते हैं, इस संबंध में भी वह शासन-प्रशासन से मिलकर बात रखेंगे। भूमि का उचित मुआवजा मिलेगा। गलियारा से श्रद्धालु, दुकानदार, आसपास के लोग को लाभ होगा। बच्चे व बुजुर्ग भी आसानी से दर्शन कर सकेंगे।
गलियारे का विरोध नहीं किया, अपनी बात रखी: घनश्याम
कांग्रेस पार्षद घनश्याम ने कहा, वर्षों से हम वृंदावन में रह रहे हैं। हमारा विरोध गलियारा के निर्माण का नहीं है। हमारे मकान व दुकान टूट जाएंगे। ऐसे में हमने अपनी बात रखना चाही, लेकिन अन्य ने शांत कर दिया। हमारे साथ अभद्र व्यवहार किया।